पेड़-पौधों हम सबको पसंद होते हैं। हम भी कुदरत का हिस्सा है। बरसात के दिनों में हम प्रकृति की ओर स्वत: ही मुड़ जाते हैं। यदि आपके पास जगह है आप दो-चार पेड़-पौधे जरूर लगाएं। आज आमतौर पर नगरों और महानगरों के घरों की बालकनियों में सजे गमलों में ये पेड़-पौधे पाते जाते हैं। जिनके पास ज़मीन है वो लाॅन में तरह-तरह के पेड़-पौधे लगाते हैं।
आस्था के प्रतीक :
1.तुलसी, 2.पीपल, 3.बरगद, 4.केला, आदि आस्था के प्रतीक हैं और आम घरों में पाए जाते हैं। तुलसी का पौधा बहुगुणकारी होता है। ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि तुलसी का पौधा आंगन में इसलिए लगाया जाता है क्योंकि ये अपने आसपास मच्छरों को पनपने नहीं देता। केले का पौधा घर के बाहर लगाना चाहिए क्योंकि केले की जड़ में दीमक का वास होता है। ये आसपास की दीमक को खिंच लेता है।
औषधीय गुणों वाले पौधे :
1.एलोवेरा, 2.मरूआदोना, 3.हल्दी, आदि को गमलों में उगाने का चलन बढ़ा है। मरूआ और दवना तुलसी की किस्में हैं। जानकार लोगों को मरूआ की पत्तियों की पकौड़ी बरसात के दिनों में खूब पसंद आती हैं।
फूल वाले पौधे और लताएं :
1.गैंदा, 2.चंपा, 3.चमेली, 4.सदाबहार, 5.मधुमालती, 6.मोगरा, 7.डहलिया, 8.हारश्रृंगार,
आदि फूल वाले पेड़-पौधे घरों की शोभा बढ़ाते हैं। सदाबहार की दो किस्में होती है और यह कैंसर के उपचार में काम आता है।
पत्तों वाले पौधे और लताएं :
1.क्रोटन, 2.कोलियस, 3.डेलफिया, 4.पाम, 5.बोटल पाम, 6.मनीप्लांट, 7.फर्न, 8.पौधीना,
आदि रंग-बिरंगे पत्तों वाले पौधे भी लोग पसन्द करते हैं। मनीप्लांट की बेल ने लोकप्रियता के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जबकि पौधीना पाचनशक्ति बढ़ता है।
फल वाले वृक्ष और लता
1.आम, 2.अमरूद, 3.आडू, 4.अंगूर, 5.नाशपाति, 6.सेब, 7.अंजीर, 8.बेर, 9.लीची, 10.संतरा, 11.नींबू, 12.मौसमी, 13.अनानास, 14.आलूबुखारा, आदि ऐसे पेड़-पौधे उन घरों में ज्यादा पाए जाते हैं जिनके पास अधिक जगह होती है।
कांटेदार पेड़-पौधे :
1.गुलाब, 2.कैक्टस, का भी चलन तेजी से बढ़ा है। ध्यान रहे कि इन पौधों को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए।
झाड़ियां :
जिनके पास ज्यादा जगह है वो लोग झाड़ियों को लगा कर अपने आसपास हरियाली बढ़ा सकते हैं।
1. बेर, 2. मेंहदी, आजकल ये घरों में कम पाये जाते हैं। मेंहदी की झाड़ियों से मिलने वाले गुण को बहुत कम लोग जानते हैं। बरसात के दिनों में जब मेंहदी पर फूल आते हैं तो वो सिर्फ सारे माहौल को सुगंधित ही नहीं करते बल्कि कम से कम बीस मीटर के दायरे में मच्छरों को पनपने नहीं देती। तो फिर देर किस बात की। लगाइए मेंहदी की झाड़ी और हो जाइए मस्त, व्यस्त और दुरूस्त।