नई दिल्ली। जियो यूजर्स ने एक महीने में 10 एक्साबाइट यानी 10 अरब जीबी डेटा का इस्तेमाल कर डाला। यह आंकड़ा कितना बड़ा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2016 में जब रिलायंस जियो ने टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री मारी थी, उस वक्त पूरे देश के सभी उपलब्ध नेटवर्कस पर डेटा खपत मात्र 4.6 एक्साबाइट थी और वो भी एक महीने की नही पूरे वर्ष भर की।
भारत में पहली बार किसी टेलीकॉम कंपनी के नेटवर्क पर एक महीने में 10 एक्साबाइट डेटा की खपत हुई है। मार्च तिमाही में जियो नेटवर्क पर डेटा की खपत का आंकड़ा 30.3 एक्साबाइट था। रिलायंस जियो ने अपने तिमाही नतीज़ों में इसका खुलासा किया।
जियो ट्रू 5जी रोलआउट ने डेटा की बढ़ती खपत में अहम भूमिका निभाई। जियो यूजर अब हर महीने औसतन 23.1 जीबी डेटा खर्च कर रहा है। जो दो साल पहले तक मात्र 13.3 जीबी प्रतिमाह था। यानी प्रत्येक जियो यूजर 2 साल पहले की तुलना में करीब 10 जीबी प्रतिमाह अधिक डेटा की खपत कर रहा है। जियो नेटवर्क पर डेटा खपत का यह औसत, टेलीकॉम इंडस्ट्री की औसत से कहीं अधिक है।
तिमाही रिजल्ट्स के मुताबिक जियो ने मार्च 2023 तक 60 हजार साइट्स पर 3.5 लाख से अधिक 5जी सेल्स लगा लिए थे। देश भर में 2,300 से अधिक शहर और कस्बे 5जी की कवरेज में आ गए हैं और जियो यूजर्स भारी संख्या में 5जी सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं। कंपनी का दावा है कि जियो बेहद तेजी से 5जी का रोलआउट कर रहा है। दुनिया भर में 5जी के रोलआउट की ऐसी कोई मिसाल नही है। कंपनी 2023 के अंत तक पूरे देश में 5जी कवरेज पहुंचाना चाहती है।
5जी रोलआउट के साथ-साथ कंपनी एयरफाइबर के लॉन्च की तैयारियां भी कर रही है। जियो ने बताया कि अगले कुछ महीनों में इसका लॉन्च संभव है। रिलायंस जियो का लक्ष्य 10 करोड़ घरों को फाइबर और एयरफाइबर से जोड़ने का है।
रिजल्ट्स में कुछ और महत्वपूर्ण बातें भी निकल कर आईं, जैसे जियो का औसत राजस्व प्रति यूजर प्रतिमाह बढ़कर 178.8 रु हो गया है। कंपनी के नेटवर्क पर हर दिन यूजर्स 1,459 करोड़ मिनट बातचीत (वॉयस कालिंग) कर रहे हैं। जियो नेटवर्क से जुड़े हर फोन पर करीब 1,003 मिनट हर महीने कॉलिंग हो रही है।