नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो 5जी तकनीक के सफल परीक्षण के बाद चीनी कंपनी हुवावे को कड़ी टक्कर देने को पूरी तरह तैयार है।
रिलायंस जियो की 5जी तकनीक का मंगलवार को अमेरिका में सफलतापूर्वक परीक्षण हुआ। चीन से कोरोना महामारी की वजह से बहुत से देशो ने चीनी कंपनी हुवावे पर प्रतिबंध लगाया दिया है।
ऐसे में घरेलू संसाधनों से विकसित रिलायंस जियो की 5जी तकनीक के सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद चीनी कंपनी हुवावे के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। उम्मीद है कि हुवावे पर प्रतिबंध के चलते बड़ी संख्या में विदेशी कंपनियां और सरकारें 5जी टेक्नोलॉजी के लिए जियो को अपना सकती हैं।
अमेरीकी प्रौद्योगिकी फर्म क्वालकॉम के साथ मिलकर रिलायंस जियो अमरीका में अपनी 5जी तकनीक और उससे जुड़े उत्पादों का परीक्षण कर रही है।
मंगलवार को अमरीका के सैन डियागो में हुए एक वर्चुअल कार्यक्रम में रिलायंस जियो के अध्यक्ष मैथ्यू ओमान ने 5जी तकनीक के सफल परीक्षण की घोषणा की। मैथ्यू ओमान ने बताया कि क्वालकॉम और रिलायंस की अनुषंगी रेडिसिस के साथ मिलकर 5जी तकनीक और उससे जुड़े उत्पादों पर काम कर रहे हैं ताकि भारत में इसे जल्द लॉन्च किया जा सके।
रिलायंस जियो ने क्वालकॉम के साथ मिलकर कुछ ऐसे 5जी उत्पाद बनाए हैं जिन्हें 1000 एमबीपीएस से अधिक की स्पीड पर परखा गया है। परीक्षण के लिए 5जी तकनीक रिलायंस जियो ने मुहैया कराई है।
मुकेश अंबानी ने तीन महीने पहले 15 जुलाई को रिलायंस इंडस्ट्री की आमसभा को संबोधित करते हुए रिलायंस जियो के 5जी टेक्नोलॉजी के ईजाद की घोषणा की थी। इस स्वदेशी तकनीक को देश को सौंपते हुए मुकेश अंबानी ने कहा था कि 5जी स्पेक्ट्रम उपलब्ध होते ही रिलायंस जियो 5जी तकनीक की परीक्षण के लिए तैयार है। प्रौद्योगिकी के निर्यात को लेकर कंपनी ने अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं। कंपनी सफल परीक्षण के बाद 5जी तकनीक के निर्यात पर जोर देगी।
भारत में हालांकि अभी तक 5जी तकनीक परीक्षण के लिए स्पेक्ट्रम उपलब्ध नही हो पाया है, किंतु अमरीका में रिलायंस जियो की 5जी तकनीक का सफल परीक्षण कर लिया गया। तकनीक पूरी तरह से सभी मानदंडों पर शानदार ढंग से खरी उतरी है।