नई दिल्ली। सरकार ने 55 हजार करोड़ रुपए के कर्ज तले डूबी सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया को बड़ी राहत देते हुए उसके 29,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के ऋण का अधिग्रहण करने की योजना बनाई है। यह कंपनी को पुन: पटरी पर लाने के लिए दी जाने वाली वित्तीय मदद से इतर है।
नागरिक उड्डयन सचिव राजीव नयन चौबे ने गुरुवार को बताया कि एयर इंडिया के ऋण के अधिग्रहण के लिए ‘एयर इंडिया एसेट होल्डिंग कंपनी’ के नाम से एक स्पेशल पर्पस वीइकल बनाया गया है। एयरलाइंस का 29,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का ऋण इसे स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इस प्रकार एयरलाइंस के बैलेंसशीट पर ऋण का बोझ आधे से भी कम रह जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस समय एयर इंडिया पर 55,000 करोड़ से ज्यादा का ऋण है। इसके अलावा कुछ भुगतान संबंधी देनदारियां भी हैं जिनमें हवाई अड्डों का शुल्क, मरम्मत एवं रखरखाव का शुल्क, विमान ईंधन का शुल्क आदि शामिल हैं।
सचिव ने बताया कि 29,000 करोड़ रुपए का ऋण एसपीवी को हस्तांतरित करने के बाद एयरलाइंस की नॉन-कोर परिसंपत्ति बेचकर सरकार इसकी वसूली करेगी। उन्होंने स्वीकार किया कि मंत्रालय ने एयर इंडिया की ऐसी परिसंपत्तियों की कीमत का आकलन किया है, लेकिन इसके बारे में कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि आठ-दस ऐसी परिसंपत्तियां हैं जिन्हें बेचा जा सकता है।