Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Relief for Former Haryana CM Bhupinder Hooda as HC Rejects Dhingra Commission report-हाईकोर्ट ने खारिज की ढींगरा आयोग की रिपोर्ट, हुड्डा-वाड्रा को बड़ी राहत - Sabguru News
होम Chandigarh हाईकोर्ट ने खारिज की ढींगरा आयोग की रिपोर्ट, हुड्डा-वाड्रा को बड़ी राहत

हाईकोर्ट ने खारिज की ढींगरा आयोग की रिपोर्ट, हुड्डा-वाड्रा को बड़ी राहत

0
हाईकोर्ट ने खारिज की ढींगरा आयोग की रिपोर्ट, हुड्डा-वाड्रा को बड़ी राहत

चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के गुरूग्राम में डीएलएफ और मानेसर समेत सभी भूमि सौदों की जांच हेतु राज्य सरकार द्वारा गठित किए गए न्यायमूर्ति(सेवानिवृत्त) एसएन ढींगरा की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है जिससे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा को जहां बड़ी राहत मिली है वहीं राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है क्याेंकि वह इस रिपोर्ट के आधार पर सम्बंधित पक्षों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकेगी।

न्यायालय की न्यायमूर्ति अजय कुमार मित्तल और न्यायमूर्ति अनूप इंदर सिंह ग्रेवाल की खंडपीठ ने ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए दायर की गई हुड्डा की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को यह फैसला सुनाया। आयोग की सीलबंद रिपोर्ट की प्रति देखने वाली इस खंडपीठ ने कहा कि इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।

न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आयोग का गठन दुर्भावनापूर्ण नहीं था इस मामले में दोनों न्यायाधीशों के फैसले में मतभिन्नता है। खंडपीठ ने अगले आदेश के लिए इसे मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया है। खंडपीठ ने कहा कि जांच आयोग का गठन तो सही तरीके से हुआ है लेकिन इसमें सम्बंधित पक्षों को कमीशन ऑफ इंक्वायरी अधिनियम 1952 की धारा आठ(बी) के तहत नोटिस नहीं जारी किए गए जोकि अनिवार्य था।

उल्लेखनीय है कि राज्य की मौजूदा भारतीय जनता पार्टी सरकार ने वर्ष 2014 में सत्ता में आते ही वाड्रा के डीएलएफ भूमि सौदे की जांच के लिए उक्त जांच आयोग का गठन किया था। आयोग ने 31 अगस्त 2016 को अपनी 182 पन्नों की रिपोर्ट मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंपी थी ले‍किन हुड्डा के जांच आयोग को असंवैधानिक, इसके गठन की प्रक्रिया पर विरोध जताते हुये न्यायालय की शरण ली थी तथा रिपोर्ट को खारिज करने की गुहार लगाई थी।

उन्होंने यह भी दलील दी थी कि जांच आयोग का गठन दुर्भावना, बदले की भावना तथा एक षडयंत्र के तहत किया गया था। न्यायालय ने इसके बाद रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी थी। यह सौदा हुड्डा के कार्यकाल में हुआ था। मामले में उन्हें भी एक पक्षकार बनाया गया था।