नैनीताल। यौन शोषण के आरोपी और भारतीय जनता पार्टी के विधायक महेश नेगी को उत्तराखंड उच्च न्यायालय से राहत मिल गयी है। न्यायालय ने महेश नेगी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार और यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी पर उन्हीं की पड़ोस की रहने वाली महिला प्रीति बिष्ट की ओर से यौन शोषण का आरोप लगाया गया है। महिला की ओर से कहा गया है कि विधायक ने कई बार उसका यौन शोषण किया है और विधायक से उन्हें एक लड़की है। वह लड़की को उसका हक दिलाना चाहती है। इसी बात को लेकर महिला ने देहरादून स्थित नेहरू कालोनी थाना में विधायक के खिलाफ विगत 16 अगस्त को मामला दर्ज कराया है।
भाजपा विधायक की ओर से याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज की गयी एफआईआर को खारिज करने की मांग की गयी है। याचिका में कहा गया कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि उनकी पत्नी रीता नेगी की ओर से यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग करने और इसके बदले में धन ऐंठने के आरोप में देहरादून में मामला दर्ज कराया गया है। इसी के बाद महिला ने उन दोनों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है।
याचिकाकर्ता के वकील अयुष नेगी ने बताया कि मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति नारायण सिंह धनिक की पीठ ने विधायक की गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। साथ ही सरकार और पीडित महिला से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले में सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।
उल्लेखनीय है कि यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ विधायक महेश नेगी की पत्नी रीता नेगी की ओर से 13 अगस्त को मामला दर्ज कराते हुए कहा गया है कि आरोपी महिला के कई लोगों से संबंध रहे हैं। वह उसके पति पर भी डोरे डाल रही है। साथ ही महिला ने पांच करोड़ रूपये मांग की है। नहीं देने पर विधायक के राजनीतिक भविष्य चैपट करने की धमकी दी है। इसके बाद यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला सामने आयी और उसने एक सनसनीखेज वीडियो जारी कर अगले दिन विधायक व उनकी पत्नी के खिलाफ देहरादून में शिकायत दर्ज करवायी।
यहां यह भी ध्यान दिला दें कि प्रीति बिष्ट की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट पहले ही रोक लगा चुका है। विधायक की पत्नी के खिलाफ भी अदालत ने ठोस कार्यवाही नहीं करने को कहा है।