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हनुमान जी की मूर्ति से इस तरह से कर सकते हैं अपने घर का वास्तुदोष दूर, जानें कैसे? - Sabguru News
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हनुमान जी की मूर्ति से इस तरह से कर सकते हैं अपने घर का वास्तुदोष दूर, जानें कैसे?

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हनुमान जी की मूर्ति से इस तरह से कर सकते हैं अपने घर का वास्तुदोष दूर, जानें कैसे?

घर का वास्तुदोष दूर, हनुमान जी की मूर्ति से कर सकते हैं अपने घर का वास्तुदोष दूर

SABGURU NEWS:हिन्दू धर्म में कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन कुछ देवता हैं, जिनकी पूजा सबसे ज्यादा की जाती है। हनुमान जी भी इन्ही में से एक हैं। हिन्दू धर्म में हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी के रूप में पूजा जाता है। इन्हें संकटमोचन, बाल ब्रह्मचारी, पवन पुत्र, आदि नामों से जाना जाता है। हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार के दिन की जाती है। जो भक्त सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करते हैं, उनके जीवन में कोई कष्ट नहीं रह जाता है। हनुमान जी अपने भक्तों की सब इच्छाओं को पूरी कर देते हैं।

→ हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि यह कलयुग में भक्तों की पुकार सबसे जल्दी सुनने वाले देवता है। एक कहानी के अनुसार माता सीता ने हनुमान जी से प्रसन्न होकर इन्हें अमरता का वरदान दिया था। इसी वजह से हनुमान जी आज भी किसी न किसी रूप में हमारे बीच मौजूद हैं। समय-समय पर हनुमान जी के जीवित होने के प्रमाण मिलते रहे हैं। हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्त के ऊपर कभी भूत-पिशाच का साया भी नहीं पड़ता है।

→ वास्तुशास्त्र में दक्षिण दिशा को अशुभ दिशा माना जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा के स्वामी कोई और नहीं बल्कि मृत्यु के देवता यमराज हैं। इस दिशा को संकट का द्वार भी कहा जाता है। अक्सर आपने देखा होगा कि लोग जब भी घर खरीदते हैं या बनवाते हैं तो इस बात का खासतौर पर ध्यान रखते हैं कि घर के मुख्य दरवाजे की दिशा किसी भी तरफ हो लेकिन दक्षिण की तरफ नहीं हो। वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके सोने और मुंह करके बैठने से व्यक्ति के आस-पास हमेशा नकारात्मक शक्तियां रहती हैं।

→ इसका एक वैज्ञानिक कारण भी है। पृथ्वी गुरुत्वाकर्षण बल के ऊपर टिकी हुई है। पृथ्वी अपनी धुरी पर लगातार घूमती रहती है। इसकी धुरीके दो छोर उत्तर और दक्षिण हैं। यह चुम्बकीय क्षेत्र होता है। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके सोता है तो धधुरी के चुम्बकीय प्रभाव से शरीर का रक्तप्रवाह बाधित होता है। इससे कई तरह के शारीरिक विकार उत्पन्न हो जाते हैं। वास्तुशात्र के अनुसार घर का मुख्य दरवाजा कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए। अगर आपके घर का दरवाजा दक्षिण दिशा की तरफ है तो घर के मुख्य दरवाजे के सामने एक बड़ा सा शीशा इस तरह से लगायें कि जो भी व्यक्ति घर में घुसे उसका उसका पूरा प्रतिबिम्ब शीशे में बने।

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