जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीनों कृषि कानूनों को किसानों के खिलाफ बताते हुए कहा कि इन कानूनों को केंद्र अविलम्ब वापस ले।
गहलोत ने आज यहां बड़ी चौपड़ पर ध्वजारोहण के बाद सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान दो महीने से इस कड़ाके की ठंड में सड़कों पर बैठे हैं। उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। यह देश ही नहीं पूरी दुनिया देख रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ऐसा वातावरण नहीं देखा। केंद्र सरकार ने किसानों की ऐसी स्थिति बना दी है।
गहलोत ने कहा कि कानून बनाने वाले हम ही हैं, उसकी व्याख्या भी हम ही करते हैं, लेकिन जिनके लिये यह कानून बनाए जाते हैं उनको भी विश्वास में लेना जरूरी है। इन कानूनों से किसान सहमत नहीं हैं, लिहाजा तीनों कृषि कानूनों को केंद्र सरकार रद्द करे।
उन्होंने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान में देश में जिस तरह से शासन चलाया जा रहा है उससे लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है। न्यायालय दबाव में काम कर रहे हैं। आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय जैसे विभागों का दुरुपयोग किया जा रहा है। राज्यों में सरकारें गिराई जा रही हैं। हालांकि राजस्थान की जनता की एकजुटता से वह राजस्थान में सरकार गिराने में नाकाम रही।
गहलोत ने कहा कि यह अच्छी परंपरा नहीं है। लोकतंत्र में असहमति का भी स्थान होता है, लेकिन जो लोग असहमति व्यक्त करते हैं, उन्हें देशद्रोही करार दे दिया जाता है। यह देश के लिए खतरनाक स्थिति है। इसे जनता को गहराई से समझना चाहिए।