नयी दिल्ली | सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को नौकरियों, प्रोन्नति और पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आरक्षण देने से संबंधित विधेयक जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 को सोमवार को लोकसभा में पेश कर दिया।
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने प्रश्नकाल के बाद सदन पटल पर विधेयक पेश किया। केन्द्र की ओर से यह कदम प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य विधानसभा के सभी अधिकार संसद के क्षेत्राधिकार में आ जाते हैं इसलिए अब इस विधेयक को मंजूरी के लिए संसद में पेश किया गया है।
यह विधेयक जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश 2019 का स्थान लेगा। इस अध्यादेश में जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन कर अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आरक्षण के दायरे में लाया गया है। अभी तक आरक्षण का लाभ केवल नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को ही मिल रहा है।
विधेयक के संसद से पारित होने के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी नौकरियों, प्रोन्नति और पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश में आरक्षण का लाभ मिलेगा।