नई दिल्ली। कांग्रेस ने आज कहा कि वह गरीबों को आरक्षण देने की समर्थक है लेकिन मोदी सरकार ने जिस तरह से अपने कार्यकाल के अंतिम समय में यह निर्णय लिया है वह उनकी नीयत पर सवाल खड़ा करता है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आर्थिक रूप से गरीब वर्ग के लिए दस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था संबंधी खबरें आने पर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा गरीबों को आरक्षण देने तथा उनके उत्थान की पक्षधर रही है।
कांग्रेस का मानना है कि दलितों, आदिवासियों तथा पिछड़ों के संवैधानिक आरक्षण से कोई छेड़छाड़ ना हो तथा समाज के सभी गरीबों को शिक्षा तथा रोजगार का मौका मिले इसका पार्टी हमेशा समर्थन करती है।
उन्होंने कहा कि चार साल आठ महीने तक गरीबों से बेपरवाह रही मोदी सरकार को चुनाव नजदीक देख और संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन गरीबों की याद आई है वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके नेतृत्व वाली सरकार की नीयत पर प्रश्न खड़ा करता है।
प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार में किसान, गरीब, छोटा दुकानदार, सामान्य कारोबारी और उद्यमी परेशान रहे हैं और सबका काम चौपट हो गया है। इस सरकार ने जो जीएसटी लागू किया उसने दो करोड़ से अधिक गरीबों का रोजगार छीना है और अर्थव्यवस्था को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने कहा कि हम गरीबों को मौके, आरक्षण तथा रोजगार देने के प्रति कटिबद्ध हैं, पर देश के युवा प्रधानमंत्री से सवाल पूछ रहे हैं कि उन्हें रोजगार कब मिलेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने 2010-11 में आर्थिक तौर से गरीबों के लिए आयोग का गठन किया था, उसकी रिपोर्ट 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था और उस रिपोर्ट के आधार पर मोदी सरकार ने जाते-जाते यह निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय लिया है तो उन्होंने सभी कानूनी और संवैधानिक पहलुओं की जांच की होगी। कांग्रेस का मानना है कि आर्थिक तौर से गरीब लोगों के बच्चों को शिक्षा और रोजगार में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।