जयपुर। राजस्थान में अपनी मांगों को लेकर रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी हैं। हड़ताल के कारण राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल सहित प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों में मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इससे अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की लम्बी लम्बी कतारे लगी हुई हैं वहीं भर्ती मरीजों को भी काफी परेशानी हो रही है।
हालांकि चिकित्सा विभाग ने सीनियर रेजीडेंट, मेडिकल टीचर्स आदि को मरीजों को देखने की जिम्मेदारी सौंपी है लेकिन रेजीडेंट डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल के चलते अस्पताल में मरीज नर्सिंगकर्मियों के भरोसे हैं। इस कारण अस्पतालों में कई ऑपरेशन टालने पड़ रहे है।
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि हड़ताल के मद्देनजर अस्पतालों में वैकल्पिक व्यवस्था की गई तथा मरीजों को परेशानी नहीं हो इसके प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों की मांगों पर उनके साथ सकारात्मक बातचीत हुई हैं और उन्हें मरीजों की दिक्कतों के मद्देनजर हड़ताल जैसा कदम नहीं उठाना चाहिए।
उधर रेजीडेंट डॉक्टरों का कहना है कि इससे पहले मांगों को लेकर हड़ताल करने पर चिकित्सा मंत्री ने उन्हें पन्द्रह दिन में उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन एवं वायदा किया था, लेकिन आज अठारह दिन निकल जाने के बाद भी उनकी समस्या पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है।डाक्टरों ने कहा कि उनकी तीन प्रमुख मांगों की पूर्ति के बारे में लिखित आदेश नहीं देते, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि रेजीडेंट डॉक्टरों की मंगलवार को चिकित्सा मंत्री के साथ उनके आवास पर बातचीत होने के बाद कोई सहमति नहीं बनने के बाद रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गये। इसके बाद सचिवालय में दूसरे दौर की वार्ता में भी कोई सहमति नहीं बनने के बाद रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल पर कोई सुलह नहीं हो सकी। हालांकि सरकार ने उनकी मांगों के निपटारे के लिए मौखिक आश्वासन दिया लेकिन रेजीडेंट डॉक्टर लिखित आदेश चाह रहे है।