रांची। अरबों रुपए के बहुचर्चित चारा घोटाले का खुलासा करने वाले रिटायर आईएएस अधिकारी अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्ति किया गया है।
खरे इसी वर्ष 30 सितंबर को ही केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। खरे ने ही एकीकृत बिहार में पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त रहने के दौरान सबसे पहले चारा घोटाले का खुलासा किया था और पहली प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले में कई हाईप्रोफाइल राजनेताओं, अधिकारियों-आपूर्तिकर्त्ता जेल गये और सजा भी हुई।
1985 बैच के आईएस अधिकारी खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्ति करने के संबंध में कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है।
आईएएस खरे इसके पूर्व मानव संसाधन और सूचना प्रसारण विभाग के सचिव भी रहे हैं। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने खरे को पीएम का सलाहकार नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। पीएमओ में उनकी संविदा नियुक्ति भारत सरकार के सचिव की रैंक और स्केल पर दी गई। वह दो वर्ष तक इस पद पर रहेंगे।
करीब 36 वर्ष तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में खरे का योगदान यादगार रहा। जहां भी उन्होंने अपनी सेवा दी, उन्हें आज भी लोग ईमानदार और कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में जानते हैं।
झारखंड और बिहार सरकार में कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारियों का निवर्हन करने के साथ ही उनके नेतृत्व में भारत की नई शिक्षा नीति 2020 लागू की गई। विशेषज्ञों ने इस नीति को भारत को विश्वगुरु बनाने का मास्टर प्लान बताया है। खरे ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव किए। आईआईटी, आईआईएम जैसे राष्ट्रीय महत्व का के संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने पर बल दिया।