नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना में चल रही अंदरूनी बगावत को लेकर भारतीय जनता पार्टी भी सक्रिय हो गई है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिन्दे के अपने समर्थक विधायकों के साथ मुंबई लौटने के फैसले के साथ ही भाजपा ने भी अपने 106 विधायकों को मुुंबई पहुंचने और महाराष्ट्र नहीं छोड़ने के निर्देश जारी किए हैं।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने आज यहां पार्टी के शीर्ष नेतृत्व एवं कानूनी विशेषज्ञों के साथ राज्य में बनने वाली विभिन्न राजनीतिक संभावनाओं को लेकर विचार मंथन किया। फड़नवीस ने शिवसेना में शिन्दे के गुट में विधायकों की संख्या करीब 50 तक पहुंचने के बाद कल देर शाम महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा एवं भाजपा विधायक दल के प्रमुख नेताओं के साथ विचार विमर्श किया था।
सूत्रों के अनुसार फड़नवीस ने आज राजधानी पहुंचने के बाद पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, भाजपा संगठन महामंत्री बी एल संतोष से मुलाकात की। उन्हें जाने माने वकील एवं विधिवेत्ता महेश जेठमलानी से भी भेंट करके कानूनी स्थितियों की समीक्षा की। फड़नवीस के गृहमंत्री अमित शाह से भी मिलने की बात कही जा रही थी लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा इस बारे में निर्णायक मोड़ आने के पहले कोई भी राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं करेगी। राज्य में बनने वाली संभावनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली है और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधानसभा उपाध्यक्ष के विरुद्ध एक छोटी पार्टी ने अविश्वास प्रस्ताव दिया है। इसलिए राज्यपाल संभवत: सबसे पहला निर्णय एक प्रोटेम स्पीकर यानी अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त करके विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए कहेंगे। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में ही पता चल जाएगा कि किसका बहुमत है।
सूत्रों का कहना है कि यदि महाविकास अघाड़ी सरकार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में पराजित होने के बावजूद सत्ता नहीं छोड़ती है तो फिर सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की बात सोची जाएगी।
उल्लेखनीय है कि शिवसेना के 16 बागी विधायकों को विधान सभा की सदस्यता से अयोग्य करने के विधानसभा उपाध्यक्ष के नोटिस पर आगे की कार्रवाई 11 जुलाई तक रोकने के न्यायालय के निर्देश के बाद बागी शिवसेना विधायकों का मनोबल ऊंचा हो गया है। विधानसभा उपाध्यक्ष ने इन विधायकों को मंगलवार शाम तक नोटिस का जवाब देने का समय दिया था।
फडनवीस ने न्यायालय के सोमवार के निर्णय के बाद मुंबई में महाराष्ट्र भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी। भाजपा खेमे का दावा है कि कुल 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधान सभा में उसके पास कुल 170 से अधिक विधायकों का समर्थन है। भाजपा के स्वयं के 106 सदस्य हैं तथा पार्टी समर्थित निर्दलियों समेत उसके 113 सदस्य हैं।
गुवाहाटी के एक होटल में जमे बागी गुट के साथ शिंदे ने आज दावा किया कि उनके साथ 50 विधायक हैं और अब वह मुंबई लौटने वाले हैं। इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों से मुंबई लौट कर बातचीत करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सीधे बातचीत करने से कोई रास्ता निकल सकता है।
इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में शिवसेना के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन में भारी बहुमत से जीतने वाली भाजपा के साथ जब शिवसेना ने मुख्यमंत्री के सवाल पर साथ छोड़ दिया था तो भाजपा ने राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश की थी।
भाजपा के फडणवीस ने मुख्यमंत्री और राकांपा के बागी अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री रूप में शपथ ग्रहण की थी। हालांकि उनकी सरकार 80 घंटे भी नहीं चल पाई थी। भाजपा उस अनुभव को ध्यान में रख कर अपने कदम फूंक फूंक कर रख रही है। शुक्रवार से हैदराबाद में शुरू हो रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में महाराष्ट्र का मुद्दा भी छाये रहने की संभावना है।