प्रयागराज । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रत्याशी डा रीता बहुगुणा जोशी ने इलाहाबाद संसदीय सीट पर विजय पताका लहराकर बाबू जी (हेमवंती नंदन बहुगुणा) की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ायेंगी।
संगम नगरी में बहुगुणा परिवार की राजनीतिक विरासत को डा रीता संभालने को तैयार है। एक जमाने में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार और सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री एच एन बहुगुणा विकास पुरुष के रूप में विख्यात थे, उन्हें लोग ‘बाबू जी’ पुकारते थे। अब रीता जोशी ‘बाबू जी’ की विरासत को आगे बढाने में अहम भूमिका का निर्वाह करेंगी।
राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली डा रीता ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के राजेन्द्र सिंह पटेल को 184275 मतो से पराजित किया। उन्हें कुल 494454 मत मिले जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशी राजेंद्र सिंह पटेल को 310179 तथा कांग्रेस प्रत्याशी योगेश शुक्ला 31953 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। इस सीट पर भी शुरू से ही भाजपा प्रत्याशी ने लीड ले रखा था, जो अंत तक बरकरार रहा। इस सीट पर कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे।
इलाहाबाद लोकसभा सीट पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, जनेश्वर मिश्रा, मुरली मनोहर जोशी जैसे राजनीतिक दिग्गजों के साथ-साथ अमिताभ बच्चन की कर्मभूमि रही है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा से रीता बहुगुणा जोशी, कांग्रेस से योगेश शुक्ला और सपा से राजेंद्र प्रताप सिंह पटेल मैदान में थे।
कांग्रेस से खटास होने के कारण उन्होंने पार्टी छोड़कर अक्टूबर 2016 को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। भाजपा ने उन्हें 2017 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में उनके खिलाफ सपा संरक्षक मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव थी जिसे उन्होने पराजित किया था। जीत के बाद उन्हें प्रदेश सरकार में उन्हें पर्यटन, महिला विकास व बाल विकास जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय मिला। भाजपा ने उसी ट्रंप कार्ड को इलाहाबाद में दोहराया और सफलता हासिल की।
रीता बहुगुणा जोशी 2012 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ कैण्टोमेंट सीट पर निर्वाचित हुई थी। वह सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एच. एन. बहुगुणा की बेटी है। वह महिला राष्ट्रीय परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। वर्ष 2003 से अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के अध्यक्ष और 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद को भी सुशोभित कर चुकी हैं।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश की बागड़ोर उनके बेटे राजीव गांधी के हाथों में गई। 1984 के लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी अपने बचपन के दोस्त और सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को इलाहाबाद सीट पर तब के कद्दावर नेता एचएन बहुगुणा के खिलाफ उतारा था। उन्होने अपना अपमान समझते हुए अमिताभ के खिलाफ ताल ठोक दिया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पडा था।