नयी दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को धन शोधन मामले में मिली अग्रिम जमानत को प्रर्वतन निदेशालय(ईडी) की ओर से रद्द करने की मांग पर सोमवार को नोटिस जारी करके उनसे 17 जुलाई तक जवाब मांगा।
वाड्रा से जुड़े मामलों की जांच कर रहे ईडी ने न्यायालय में दायर याचिका में कहा कि जमानत को रद्द करना मामले की जांच की दृष्टि से उचित रहेगा। उसने साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ किये जाने की आशंका व्यक्त करते हुए धन शोधन मामले में सह आरोपी एवं वाड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा को मिली अग्रिम जमानत को भी चुनौती दी।
ईडी ने पूछताछ में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए वाड्रा को हिरासत में दिये जाने की मांग की है। उसने कहा कि धन शोधन मामले की पूरी सच्चाई का पता लगाने के लिए वाड्रा से पूछताछ करना आवश्यक है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ईडी का पक्ष रखते हुए कहा ,“वाड्रा ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया अत: यह आवश्यक है कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए। ” न्यायमूर्ति चंद्र शेखर ने दोनों को नोटिस जारी करके 17 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
इससे पहले निचली अदालत ने एक अप्रैल को वाड्रा और उनके सहयोगी मनोज को अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाने,जांच में सहयोग करने और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने की शर्त पर अग्रिम जमानत दी थी। दोनों ने अग्रिम जमानत के लिए पांच लाख रुपये का बांड और इतनी की राशि का मुचलका भरा था।
ईडी का आरोप है कि वाड्रा के लिए लंदन में 19 लाख पाउंड की संपत्ति खरीदी गई थी, लेकिन उन्होंने अपने आयकर रिटर्न में इसका खुलासा नहीं किया। इस मामले में ईडी 58 घंटे से ज्यादा वाड्रा से पूछताछ कर चुकी है। वाड्रा के अलावा इस मामले में ईडी ने कई और लोगों से पूछताछ की थी। फिलहाल दोनों आरोपी जमानत पर हैं।