नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के पुत्र रोहित शेखर तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत के कारण को ‘अप्राकृतिक’ बताए जाने के बाद इस मामले में रहस्य और गहरा गया है।
रोहित के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत के कारण को ‘अप्रकाकृतिक’ बताए जाने के कारण पुलिस ने इस बारे में एक मामला दर्ज किया है। मामले की जांच का जिम्मा अपराध शाखा को सौंपा गया है।
सूत्रों के मुताबिक इस बात का भी संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि उसे जानबूझ कर मौत की ओर ढकेला गया। मौत के सही कारणों का हालांकि अब तक पता नहीं चल सका है। रोहित को चंद दिनों पहले साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
उस समय वह अवसाद से ग्रसित रहता था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले तक रोहित की मौत का कारण स्पष्ट नहीं था तथा कुछ लोग इसके पीछे बीमारी और अन्य कारण बता रहे थे।
रोहित से जुड़े मामले के सामने आते ही पुलिस ने रोहित के डिफेंस कॉलोनी स्थित घर को अपने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद फाेरेंसिक और अपराध जांच टीमों ने रोहित के घर की जांच पड़ताल की तथा उसके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की।
परिवारिक सूत्रों के मुताबिक इससे पहले राजनीति में सफलता नहीं हासिल कर पाने के कारण रोहित प्राय: अवसाद से ग्रसित रहता था। तिवारी के पुत्र रोहित शेखर तिवारी का मंगलवार को निधन हो गया। रोहित तिवारी (39) की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चला है। उन्हें साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में मृत लाया गया था।
दक्षिण दिल्ली पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने रोहित तिवारी की मौत की पुष्टि करते हुए एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि रोहित शेखर तिवारी, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एन डी तिवारी के पुत्र को मैक्स साकेत अस्पताल में मृत लाया गया।
दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त देवेश श्रीवास्तव ने बताया कि रोहित तिवारी की नाक से खून आ रहा था। इसके बारे में नौकर ने उनकी मां को सूचित किया। रोहित की मां उस समय घर पर मौजूद नहीं थीं। वह भी मैक्स अस्पताल स्वास्थ्य जांच कराने गई थीं। रोहित को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत लाया गया, घोषित किया। रोहित तिवारी नई दिल्ली के पाश इलाके डिफेंस कालोनी में रहते थे।
गौरतलब है कि स्व. नारायण दत्त तिवारी ने रोहित को अपना पुत्र नहीं माना था। इसके बाद रोहित ने अदालत में लंबी लड़ाई लड़ी और अंतत: वर्ष 2014 में स्व. तिवारी को रोहित को अपना बेटा मानना पड़ा। स्व. तिवारी के रोहित को बार-बार अपना बेटा मानने से इन्कार करते रहे।
पितृत्व विवाद में फंसने के बाद रोहित तिवारी को स्वर्गीय तिवारी ने अपना पुत्र माना और उसकी मां उज्ज्वला शर्मा से 89 साल की उम्र में रीति-रिवाज के साथ विवाह किया था।