आजाद भारत का वो मामला जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, लेकिन आज भी उसका फैसला नहीं हुआ। 32 साल पहले एक 18 साल की लड़की जलती चिता में सती हो गई थी। इस मामले पर आज जयपुर की सती निवारण कोर्ट अपना फैसला सुनाने वाली थी, लेकिन सुनवाई टली गई।
ये है मामला
यह मामला साल 1987 का है, जब जयपुर जिले की रूप कंवर की दिवराला (सीकर) निवासी माल सिंह शेखावत के साथ 1987 में शादी हुई थी। लेकिन शादी के 7 माह बाद गंभीर बीमारी के चलते माल सिंह की मौत हो गई। कहा जाता है कि रूप कंवर (18) ने पति के साथ सती होने की इच्छा जताई। लेकिन, सभ्य समाज लड़की को समझाने और कानूनी प्रक्रिया अपनाने के बजाय उसे सती होने की तैयारी कर दी। रूप कंवर 4 सितंबर, 1987 को पति के साथ सती हो गई और इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने रूप कंवर को सती मां का दर्जा दिया और वहां मंदिर बनवाया दिया।
कहा जाता है कि लड़की मायके वालों को इसकी खबर सती होने के बाद दी गई थी। जब मामला सार्वजनिक होने हुआ तो हर तरफ बवाल मच गया। यहां तक कि मामला राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया। इसके तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी के निर्देश पर पुलिस ने जांच करते हुए 45 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया था। जिनमे से 25 लोग पहले बरी हो चुके हैं। वहीं कई लोगों की ट्रायल के दौरान मौत हो गई। बाकि सभी आरोपी जमानत पर जेल से बाहर हैं। इन आरोपियों को लेकर कोर्ट आज अपना फैसला सुनाने वाली थी, लेकिन सुनवाई टल गई।