सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिले के प्रभारी मन्त्री भंवरसिंह भाटी ने मंगलवार को राजस्थान सरकार के कोरोना जागरूकता अभियान के सम्बन्ध में आयोजित संयुक्त पत्रकार वार्ता में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि जिन जिला चिकित्सालयो में सामान्य चिकित्सालय की व्यवस्थाएं स्थगित करके कोविड अस्पताल बनाये गए थे उनमें सामान्य चिकित्सा फिर बहाल करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
पत्रकार वार्ता में जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद ने सवाल के जवाब को आगे बढ़ाते हुए बताया कि एक सप्ताह में सिरोही में कोविड अस्पताल को शिफ्ट कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल जिला चिकित्सालय में ओपीडी के अलावा इमरजेंसी सर्जरी की जा रही है सामान्य सर्जरी बन्द है।
पत्रकार वार्ता के दौरान जिला कलेक्टर ने बताया कि जुलाई के प्रथम सप्ताह तक कोविड हॉस्पिटल को अलग करके जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाएं सुचारू कर दी जाएंगी।
उन्होंने बताया कि टाटा ग्रुप भी जिले में कोविड के लिए सुविधा उपलब्ध करवाने का इच्छुक है, उसके लिए उन्हें जो इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए वो उपलब्ध करवाने के लिए भवन चिन्हित कर लिए गए हैं।
जिले में कृषि मंडी नहीं होने के सम्बंध में पूछे गए सवाल के जवाब में विधायक संयम लोढ़ा ने बताया कि सिरोही में गौण मंडी में उतना राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि सिरोही का गौण मंडी क्षेत्र जावाल है वहां से इतना राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि हाल में नई मंडियां खोलने के प्रस्ताव में ये मंडी खोलने का प्रस्ताव दिया था, उस समय ये जानकारी सामने आई।
उन्होंने कहा कि मंडी में राजस्व डवलपमेंट तब हो जब वह प्रोडक्ट की इंडस्ट्री पास ही हो, उन्होंने कहा कि वो प्रयासरत हैं और जिला कलेक्टर से इसके लिए प्रक्रिया आगे बढ़ाने का अनुरोध करेंगे।
कोविड के दौरान एफसीआई गोदामो में डाला व्यवस्था में मनमानी के सम्बन्ध में प्रभारी सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि राजस्थान में डाला व्यवस्था हमने खत्म कर दी है। इसके बावजूद इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने बताया कि यही कारण है कि एनएफएसए में गेंहू वितरण में राजस्थान देश के अन्य बड़े राज्यों से बेहतर रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य में सरकारी कर्मचारियों के सार्वजनिक वितरण प्रणाली से गेहूं लेने की जांच करने को सरकार ने नवम्बर में कहा था। अब तक हम लोगों ने पूरे राज्य में 25 हजार सरकारी कर्मचारियों को गेहूं वितरण व्यवस्था से बाहर कर दिया है। गेंहूँ लेने वाले कर्मचारियों से एक करोड़ रुपये की वसूली भी कर लिए हैं।
-कोविड में सरकार का ये नवाचार
प्रभारी मंत्री ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि राज्य भर से निजी चिकित्सालयों द्वारा कोविड जांच और वेन्टीलेटर्स रूम की ज्यादा डर लेने की शिकायतें आ रही थी। राज्य सरकार ने निजी लैबों में कोविड जांच की जो दर ₹ 4500 थी वो ₹ 2200 करने के आदेश सरकार ने दिए हैं। निजी चिकित्सालयों में सामान्य बैड का कर्ज ₹ 2000 तथा वेन्टीलेटर्स युक्त आईसीयू बैड का चार्ज ₹4000 निर्धारित किया गया है।
-कोविड के साथ चलना है
प्रभारी मंत्री ने कहा कि कोविड का खतरा तल नहीं हैं। हमेशा डंडे के जोर पर लोगों को नहीं चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब नियमित काम शुरू करने होंगे ऐसे में लोगों को कोविड से सावधानी के लिये 21-30 जून तक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
उन्होने कहा कि लोग मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें, नियमित रूप से हाथ धोते रहे। इस जागरूकता के साथ काम करें जिससे कोविड को फिलने से रोकते हुए अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार दी जा सके।