मुंबई। महाराष्ट्र में सोमवार की सुबह वापी और पालघर स्टेशनों के बीच एक सनसनीखेज घटना में मुंबई-जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कांस्टेबल तीन यात्रियों और एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) की गोली मारकर हत्या कर दी।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, एस्कॉर्ट ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल चेतन कुमार ने अपने सर्विस रिवॉल्वर का इस्तेमाल करते हुए पहले अपने वरिष्ठ एएसआई टीका राम मीना को निशाना बनाकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद वह जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन के दूसरे डिब्बे में गया और तीन अन्य यात्रियों को गोलीमार दी जिससे उनकी मौत हो गई।
घटना को अंजाम देकर आरोपी चेन खींचकर ट्रेन से भाग निकला लेकिन उसको पुलिस ने सरकारी रेलवे पुलिस और आरपीएफ अधिकारियों की सहायता से मीरा रोड पर पकड़ लिया। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, आरोपी कांस्टेबल अवसाद में था और घटना से पहले उसका अपने वरिष्ठ अधिकारी से झगड़ा हुआ था।
वरिष्ठ अधिकारियों सहित फोरेंसिक टीम, जीआरपी, आरपीएफ और स्थानीय अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने कहा कि मृतक एएसआई का परिवार अनुग्रह राशि, रेलवे सुरक्षा कल्याण निधि, मृत्यु सह सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी, सामान्य बीमा योजना और लगभग 56 लाख रुपए के अन्य खर्चों जैसे विभिन्न लाभों का हकदार होगा।
आरोपी आरपीएफ कॉन्स्टेबल ‘गुस्सैल क्रोधी व्यक्ति’
जयपुर- मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में गोलीबारी करके तीन यात्रियों तथा रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) के एक सहायक उप निरीक्षक टीका राम मीणा की सोमवार सुबह हत्या करने वाला आरपीएफ का कॉस्टेबल चंदन कुमार गुस्सैल तथा क्रोधी व्यक्ति है।
आरपीेफ (पश्चिम रेलवे) के निरीक्षक प्रवीण सिन्हा ने कहा कि वह गुस्सैल है। वह जल्द ही क्रोधित हो जाता है। कोई विवाद नहीं हुआ था। वह अपना आपा खो बैठा और अपने वरिष्ठ को गोली मार दी। इसके बाद उसने अन्य लोगों पर गोलीबारी कर दी।
उन्होंने बताया कि वह हाल ही में छुट्टी पर से लौटा था। सिपाही पिछले 12 सालों से सेवा में कार्यरत है। कुमार की नियुक्त 2009 में अनुकंपा के आधार पर हुई थी और लोअर परेल वर्कशॉप में तैनात किया गया। इस बीच आरोपी कुमार को रेलवे की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे एक सप्ताह के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।