जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग एलडीसी भर्ती परीक्षा 2013 के चयनित 917 अभ्यर्थी नौकरी पाने के लिए बीते 50 दिन से भी अधिक समय से प्रशासनिक सुधार विभाग की चौखट पर चक्कर काट रहे हैं। विभाग आवंटन नहीं होने से ये चयनित अभ्यर्थी बेरोजगारों की तरह भटक रहे हैं।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि लोकसेवा आयोग गत 11 सितंबर को ही अभ्यर्थियों की नियुक्ति से संबंधित अनुषंशा अनुमोदन के लिए विभाग को भेज चुका था। चुनाव आचार संहिता लागू होने से काफी पहले 5 अक्टूबर 2018 को मुख्यमंत्री कार्यालय तथा मुख्य सचिव स्तर पर इन नियुक्तियों को मंजूरी दी जा चुकी थी। इसके बावजूद प्रशासनिक सुधार विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इस बीच चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। ऐसे में नियुक्ति संबंधी दिशा निर्देश निर्वाचन आयोग से लेने की बाध्यता है। लेकिन प्रशासनिक सुधार विभाग इस बारे में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखने में भी टामटोल की नीति अपनाए हुए है तथा नियुक्तियों को अनावश्यक रूप से टाला जा रहा है।
पीडित अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रशासनिक सुधार विभाग ने ग्रामसेवक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों के बारे में निर्वाचन आयोग को उचित दिशा निर्देशों के लिए आनन फानन में पत्र भेज दिया और गुरुवार को आयोग से मंजूरी भी मिल गई।
इतना ही नहीं बल्कि पीडित अभ्यर्थियों के समकक्ष सचिवालय के रिसफल एवं पिकअप लिस्ट में चयनित 21 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की फाइल चुनाव आयोग भेजी जा चुकी हैं, लेकिन अधीनस्थ कार्यालयों में चयनित इन 917 अभ्यर्थियों की फाइल जस की तस पडीं हैं।
नौकरी की आस लिए अभ्यर्थी मुख्य सचिव से अब तक चार बार मिलकर उन्हें अपनी व्यथा बता चुके हैं, मुख्य सचिव ने भी प्रशासनिक सुधार विभाग को उचित कार्रवाई के निर्देश दे दिए इसके बावजूद कोई परिणाम नहीं निकल रहा। अधिकारी भी अब सिर्फ आश्वासन देकर कन्नी काट लेते हैं। अपनी टेबल पर समस्या का आखिरी पडाव लिखी तख्ती लगाकर बैठे अफसर कुछ नहीं कर रहे।