मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने येस बैंक की घटना के बाद विभिन्न निजी क्षेत्र के बैंकों के जमा धन का विवरण मांगा है।
राज्य ने विभिन्न नागरिक निकायों, राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त निकायों और अन्य सरकारी विभागों को येस बैंक में फंसे रुपयों की जानकारी मांगी है, साथ ही अन्य निजी क्षेत्रों के बैंक में उनके धन/जमा/वेतन खातों/ आदि का पूरा विवरण देने के लिए कहा है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे निजी क्षेत्र के बैंकों में राज्य सरकार का धन जमा करने से बचने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि केवल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सेवाओं का उपयोग किया जाए।
कम से कम तीन प्रमुख नागरिक निकायों ने स्वीकार किया कि उनके 1,125 करोड़ रुपए का डिपॉजिट येस बैंक में है। इसके बाद राज्य सरकार ने यह कदम उठाया।
पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी), नासिक नगर निगम (एनएमसी) और नासिक निगम स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएमएससीडीसीएल) ने माना है कि उनका येस बैंक में क्रमशः 800 करोड़ रुपये और 310 रुपये और 15 करोड़ रुपए जमा है।
पीसीएमसी निगम आयुक्त श्रवण हार्डिकर ने मीडिया को बताया कि उसने येस बैंक में अपनी जमा राशि को 1,100 करोड़ रुपए से घटाकर 800 करोड़ रुपए कर दिया है और अन्य बैंकों में भी 4,000 करोड़ रुपए की राशि जमा की है।
पिछले दिसंबर में, मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर ने कहा था कि बृहन्नमुंबई नगर निगम एहतियात के तौर पर अपने कुछ खातों को निजी क्षेत्र के बैंक से पीएसबी के सुरक्षित विकल्प के रूप में स्थानांतरित करने पर विचार कर रहा है।
एक अधिकारी ने कहा कि इसी तरह राज्य सरकार येस बैंक की समस्या के बाद अपने पुलिस विभाग के खातों को एक्सिस बैंक से पीएसबी में स्थानांतरित करने की दिशा में कदम उठाने पर विचार कर रही है।
बसंत नाइक शेटी स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने कहा कि अधिकारियों द्वारा गलत निर्णयों के कई उदाहरण हैं जब बड़े खातों को पीएसबी से निजी क्षेत्र के बैंकों में उच्च ब्याज और बेहतर सेवा के आधार पर स्थानांतरित किया गया लेकिन अब वापस पीएसबी में जाने के लिए राज्य सरकार के कदम की सराहना की है।
तिवारी ने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों के अलावा सहकारी बैंकों से भी सभी सरकारी खातों को सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में स्थानांतरित करने के लिए वह मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहे हैं।