नई दिल्ली। पान मसाला और तंबाकू उत्पाद बनाने वाली कानपुर की कंपनी त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस प्राइवेट लिमिटेड ने यहां वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) सतर्कता महानिदेशालय इलाहाबाद द्वारा की गई छापेमारी में अब तक 150 करोड़ रुपए की नकदी बरामद हुई है। यह राशि बढ़ सकती है क्योंकि पकड़ी गई नकदी की गिनती अभी जारी है।
जीएसटी सर्तकता महानिदेशालय ने आज जारी एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि विभाग को सूचना मिली थी कि यह कंपनी बगैर किसी बिल के या फर्जी बिल के माध्यम से माल भेजती थी। अधिकारियों ने सूचनाओं के आधार पर इस कंपनी के ठिकानों के साथ-साथ ही उसके माल का परिवहन करने वाली कंपनी गणपति रोड कैरियर्स के कार्यालय और गोदामों पर भी छापेमारी की।
बयान में कहा गया है कि त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस द्वारा पूर्ण कर चुकाए बगैर माल भेजने की जानकारी मिली थी। इसके साथ ही इसकी ओर से ऐसी कंपनियों के नाम 50 हजार रुपए से कम के ईवे बिल बनाए जा रहे थे, जो कारोबार में हैं ही नहीं।
छापे में ऐसे प्रमाण मिले हैं जिनमें एक ही कंपनी के नाम पर कई ईवे बिल बनाए गए। इसी तरह एक पूरे ट्रक के लिए 50 हजार रुपए से कम के ईवे बिल जेनरेट किए गए। टांसपोर्टर भी इस माल के परिवहन के लिए नकदी में भुगतान की प्राप्ति दिखाता था और अपना कमीशन काट कर शेष राशि कंपनी को लौटा देता था।
जीएसटी सतर्कता महानिदेशालय ने कहा कि इस तरह के चार ट्रक कंपनी के परिसर के बाहर जब्त किए गए हैं। कंपनी इसको बगैर बिल और बगैर ईवे बिल के बाहर जाने की अनुमति दे चुकी थी। गणपति रोड कैरियर्स के परिसर के पुराने 200 से अधिक फर्जी बिल भी जब्त किए गए हैं। ट्रांसपोर्ट कंपनी के परिसर से 1.01 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की गई है।
इस दौरान त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली कंपनी ओडोकेम इंडस्ट्रीज के यहां भी तलाशी ली गई है। बताया गया है कि यह कंपनी त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस को माल की आपूर्ति नकद राशि पर करती थी। इस कंपनी के यहां भी नकदी मिलने की आशंका है।
जीएसटी सर्तकता महानिदेशालय के अधिकारियों के अनुसार त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस के आवसीय परिसर में की गई छापेमारी में पेपर में रखे गए बड़े पैमाने पर नकदी बरामद की गई जिसकी गिनती भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों की मदद से शुरू की गई है। इसकी गिनती जारी है और अब तक 150 करोड़ रुपए की नकदी मिल चुकी है। एजेंसी ने इस नकदी को सीजीएसटी कानून की धाराओं के तहत जब्त किया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। कंपनी से अब तक कर बकाया के तौर पर 3.09 करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है।