नयी दिल्ली । सरकार ने संकट से जूझ रहे गन्ना किसानों और चीनी मिलों को उबारने के लिए 5538 करोड रुपये के पैकेज को बुधवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति की बुुधवार को यहां हुयी बैठक में खाद्य मंत्रालय के इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। सरकार के इस पैकेज से किसानों और चीनी मिलों को फायदा होगा। सरकार के इस कदम से चीनी मिल चीनी के निर्यात को बढावा दे सकेंगे जिससे किसानों के बकाये करीब 13500 करोड़ रुपये से अधिक के बकाये का भुगतान हो सकेगा। उत्तर प्रदेश में ही चीनी मिलों पर 9800 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। देश में इस बार करीब तीन करोड़ 20 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जिसके इस साल सितम्बर से शुरु होने वाले सत्र में बढ कर 3.5 करोड़ टन हो जाने का अनुमान है।
सरकार ने पिछले जून के दौरान अर्थिक संकट का सामना कर रहे चीनी मिलों के लिए 8500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी। इसमें मिलों के एथनॉल बनाने के लिए 4440 करोड़ रुपये का रिण भी शामिल था। हाल ही में सरकार ने गन्ने के रस से सीधे एथनाॅल बनाने के लिए एथनाॅल मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि की थी जिससे पेट्रोल में अधिक से अधिक एथनाॅल मिलाने को बढावा दिया जा सके तथा अतिरिक्त चीनी उत्पादन को कम किया जा सके। सरकार ने गन्ने के रस से सीधे बनने वाले एथनाॅल का मूल्य 59.13 रुपये प्रति लीटर निर्धारित किया है जो वर्तमान में 47.13 रुपये प्रति लीटर है।