नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने कोविड महामारी के दौरान देश के 219 नगरों एवं कस्बों में कोविड अस्पतालों में रोगियों के उपचार इत्यादि की व्यवस्था में प्रशासन को सक्रिय सहयोग देने के साथ 43 प्रमुख शहरों में कोविड सेवा केन्द्र, 2442 टीकाकरण केन्द्र और दस हजार टीकाकरण जागरूकता अभियान शुरू किए हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने गुरुवार को संवाददाताओं को संघ तथा सेवा भारती द्वारा चलाए जा रहे सेवा कार्यों के संबंध में चर्चा करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कोरोना के इस क्रूर प्रहार से देश के कई हिस्सों में दिवंगत हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस महामारी में डॉक्टरों एवं चिकित्सा के अन्य कार्य तथा ऑक्सीजन आदि सामग्री की आपूर्ति में लगे कर्मचारी एवं सुरक्षा एवं स्वच्छता कर्मियों सहित सभी कोरोना योद्धाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आंबेकर ने कहा कि हमेशा की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सेवाभारती सहित अन्य संगठन एवं संस्थाएं प्रभावित क्षेत्रों और परिवारों में राहत पहुंचाने के काम में जुटे हैं। संघ की पहल पर आवश्यकता के अनुसार अभी बारह प्रकार के कार्य प्राथमिकता से प्रारंभ हुए हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड के संभावित लोगों हेतु आइसोलेशन केंद्र व पॉज़िटिव रोगियों हेतु कोविड केअर (सेवा) केंद्र, सरकारी कोविड केंद्र व अस्पतालों में सहायता, सहायता हेतु दूरभाष (हेल्पलाइन नंबर), रक्तदान, प्लाज्मादान, अंतिम संस्कार के कार्य, आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण, परामर्श (काउंसलिंग), ऑक्सीजन आपूर्ति एवं एम्बुलेंस सेवा, भोजन, राशन एवं मास्क तथा टीकाकरण अभियान एवं जागरूकता जैसे आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर तत्काल कई प्रांतों में स्वयंसेवकों द्वारा प्रारंभ किया गया है। स्थानीय प्रशासन की भी हर संभव सहायता की जा रही है ताकि सभी मिलकर इस चुनौती पर विजय प्राप्त कर सकें।
उन्होंने बताया कि इंदौर में संघ की पहल पर शासन, निजी अस्पताल, राधा स्वामी सत्संग आदि के सहयोग से दो हज़ार बिस्तर का कोविड केंद्र शासन एवं समाज के समन्वित कार्य का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों द्वारा अभी 43 प्रमुख शहरों में कोविड सेवा केंद्र चलाए जा रहे हैं तथा अन्य 219 स्थानों पर कोविड अस्पतालों में प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है।
टीकाकरण हेतु दस हजार से अधिक स्थानों पर जागरूकता अभियान के साथ 2442 टीकाकरण केंद्र अभी तक प्रारंभ किये गए हैं। उन्होंने कहा कि समाज के सभी लोगों का इस कार्य में सहयोग आवश्यक है, तथा कोरोना के प्रकोप पर शासन-प्रशासन एवं समाज के समन्वित प्रयास से ही भारत विजय प्राप्त करेगा।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि आवश्यकता के अनुसार प्लाज्मा एवं रक्तदान में सहयोग किया जा रहा है, कुछ स्थानों पर संभावितों की सूची भी बनी है। दिल्ली में रक्तदाताओं की सूची उपलब्ध है।
पुणे में जनजागरण अभियान के माध्यम से 600 लोगों ने प्लाज्मा दिया जिससे 1500 लोगों का जीवन बचाने में सहायता मिली। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि विभिन्न शहरों में बुजुर्गों एवं अकेले रहने वालों को ध्यान में रखते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इनके माध्यम से जरूरतमंदों को आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।