नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि देश ने सभी क्षेत्रों में प्रगति की है और इस प्रवृत्ति को वैश्विक स्तर पर स्वीकारा गया है और सराहना की गई है।
विजयदशमी के अवसर पर आरएसएस मुख्यालय में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि भारत द्वारा सभी क्षेत्रों में की गई प्रगति की प्रवृत्ति को वैश्विक रूप से मान्यता मिली है और इसकी सराहना की जा रही है। भारतीय समाज का कायाकल्प हो रहा है और इस प्रवृत्ति को खेल, शिक्षा और अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न क्षेत्रों में देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रगति आसान नहीं है, जबतक पूरा समाज स्वेच्छा से हाथ नहीं मिलाता । यह तभी संभव है जब हम जाति, पंथ, धर्म, संप्रदाय से उपर उठकर पहले राष्ट्र के लिए सोचें। भागवत ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग बढ़ी है लेकिन हमारे लिए समाज के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना भी बहुत महत्वपूर्ण है। भौतिक लाभ पर बहुत ज्यादा ध्यान देने से समाज का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।
भागवत ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह बात बिल्कुल गलत है कि अंग्रेजी माध्यम से ही करियर बनाया जा सकता है। करियर का मार्ग अंग्रेजी नहीं है, बल्कि ज्ञान की प्राप्ति और समाज की भलाई में इसका उपयोग है। माता-पिता, शिक्षकों और परिवार द्वारा बेहतर मूल्यों को विकसित किया जा सकता है। ये मूल्य मानवता से संबंधित हैं, न कि स्वयं के भौतिक लाभ से।
उन्होंने कहा कि अनियंत्रित जनसंख्या एक समस्या है जो कि खाद्य सुरक्षा पर संकट उत्पन्न कर सकती है। लेकिन इसके नियंत्रण से समाज असंतुलित नहीं होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी मानसिकता बदलनी होगी। भीतरी और बाहरी शक्तियां धर्म और जाति के आधार पर विभाजन फैलाकर हमें कमजोर करने का लगातार प्रयास कर रही हैं। हमें विभाजनकारी ताकतों की चालों को समझना चाहिए और उन्हें अस्वीकार करना चाहिए।
भागवत ने कहा की बड़ी संख्या में सामाजिक संगठन और सरकार समाज कल्याण की दिशा में काम कर रही है। लेकिन वे सफल तभी हो सकते हैं जब उन्हें समाज का निष्पक्ष समर्थन प्राप्त हो। पद्मश्री संतोष यादव, दो बार एवरेस्ट पर विजय प्राप्त करने वाली एकमात्र महिला पर्वतारोही, एक पर्यावरणविद् और एक प्रेरक वक्ता, इस समारोह में मुख्य अतिथि थीं।
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