नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी और उसके आदर्श राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नफरती सोच के कारण देश को दुनिया में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस पर चुप्पी हैरान करने वाली है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जो माहौल इस समय है उसकी बुनियाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हैं। मूवी का निर्देशन और निर्माण इन लोगों ने किया है इसलिए साइड एक्टर को दंडित नहीं किया जा सकता है। इस माहौल की बुनियाद में आरएसएस है और उसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
खेड़ा ने कहा कि आरएसएस और भाजपा के कारण देश को दुनिया में शर्मिंदगी नहीं उठानी पड़े इसलिए अपंजीकृत संगठन आरएसएस के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और इस पूरे मामले में आरएसएस को ही जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में देश के बुद्धिजीवियों, सेवानिवृत्त नौकरशाही, स्वतंत्र मीडिया तथा अन्य ने बार-बार सरकार को याद दिलाने का प्रयास कि हमारा विविधाओं वाला देश है लेकिन सरकार ने किसी की नहीं सुनी और देश को अब इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि यह अजीबोगरीब स्थिति है कि नफरती माहौल के खिलाफ देश से आवाज उठती है तो उसको दबा दिया जाता है लेकिन विदेशी दबाव में कदम उठाए जाते हैं। देश में 70 साल में पाकिस्तान ने भारत को घेरने का लगातार प्रयास किया लेकिन वह कभी सफल नहीं हुआ परंतु पिछले सात साल के दौरान मोदी सरकार ने उसे सफल होने का पूरा मौका दिया है।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि विदेशों में भारतीय दूतावास के माध्यम से भाजपा की विज्ञप्तियों को बांटा जा रहा है। दूतावासों से जो संदेश जाते हैं उनमें भाजपा के बयान को संलग्न किया जाता है। भाजपा ने दूतावास का दुरुपयोग किया है और भाजपा की गलतियों से देश शर्मिंदा हुआ है। उन्होंने कहा कि सही बात यह है कि सरकार ने देशवासियों की सही बात कभी नहीं सुनी, सही समय पर कभी सही बात को नहीं बोला और अब सफाई दे रहे हैं। भाजपा ने गलती की है और देश को शर्मिदगी उठानी पड रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि चहरों और मुखौटा का खेल आरएसएस का पुराना है और वह खेल लंबे समय से खेल रहा है। भाजपा का असली चेहरा यही है कि वह मुखौटा बदल-बदल कर काम करती है और सारे विवादित मुद्दों पर मोदी चुप्पी साध लेते हैं। उनका कहना था कि जिस देश में शांति नहीं हो और माहौल खराब हो उसकी अर्थव्यवस्था के लिए यही सबसे बड़ा आघात है। ऐसे माहौल वाले किसी भी देश में निवेश नहीं आता है और इससे उसकी आर्थिक गतिविधियां अवरुद्ध हो जाती है।