उदयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर पर्दे के पीछे से राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि आरएसएस पीछे रहकर भाजपा को जीताने का काम करता है, बल्कि उसे राजनीतिक पार्टी बनकर कांग्रेस की विचारधारा से मुकाबला करना चाहिए। गहलोत ने कांग्रेस की आजादी गौरव यात्रा में शामिल होने के लिए डूंगरपुर जाते समय गुरुवार को उदयपुर में मीडिया से यह बात कही।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अगले पन्द्रह साल में बनेगा अखंड भारत के बयान के सवाल पर कहा कि जब हर जाति, धर्म का व्यक्ति प्रेम, सदभावना और भाईचारे के साथ रहेगा, तब बनेगा अखंड भारत। उन्होंने कहा कि आज अखंड भारत की बात कर रहे हैं। जनसंघ, आरएसएस और भाजपा तीनों का महात्मा गांधी, सरदार पटेल एवं डा भीमराव अम्बेडकर से कभी कोई मतलब नहीं रहा और केवल चुनाव जीतने के लिए कर रहे हैं और इन तीनों को ये लोग चुरा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था, तब इन्होंने लिखकर दिया था कि हम राजनीति नहीं करेंगे और केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम करेंगे। अब आरएसएस पीछे रहकर भाजपा को जिताने का काम करता है। ऐसे में या तो आरएसएस एवं भाजपा एक पार्टी बन जाए या दबंग होकर राजनीतिक पार्टी बनकर आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस गांधी, पटेल और अंबेडकर जैसों की विचारधारा वाली दमखम पार्टी हैं, हालांकि वह अभी देश में सत्ता में नहीं है, कोई बात नहीं, लेकिन इन लोगों को इस दमखम विचारधारा से मुकाबला करना चाहिए। हिन्दुत्व की बात करते हैं और ध्रुवीकरण करके चुनाव जीताते, देश में ध्रुवीकरण से चुनाव जीतने लगेंगी पाटियां तो उससे देश मजबूत होगा या कमजोर होगा, यह देश के लोगों को सोचने की जरुरत हैं, खासकर युवाओं को। उन्होंने कहा कि कल का भविष्य युवा पीढी पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ये वास्तव में हिंदुओं की बात करते हैं तो हिंदू भी संकट में है। छुआछूत है, आज दलित को घोड़ी से उतार देते हैं। जो उतारते हैं वो हिंदू है और उतरने वाले भी हिंदू हैं। आरएसएस को घर घर जाकर सभी धर्म और जातियों में सदभावना और अहिंसा का संदेश देने एवं छुआछूत और ऊंच-नीच के खिलाफ अभियान छेड़ना चाहिए।