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सामाजिक विभाजन से देश को खतरा : प्रो. राकेश सिन्हा
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सामाजिक विभाजन से देश को खतरा : प्रो. राकेश सिन्हा

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सामाजिक विभाजन से देश को खतरा : प्रो. राकेश सिन्हा
RSS vicharak Prof Rakesh Sinha and gust at Narada Jayanti and Journalists honors ceremony 2018 in Jaipur
RSS vicharak Prof Rakesh Sinha and gust at Narada Jayanti and Journalists honors ceremony 2018 in Jaipur

जयपुर। प्रखर संघ विचारक और प्रसिद्ध लेखक एवं पैनलिस्ट प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि इस देश को खतरा जयचंद और मीर जाफरों से नहीं बल्कि इस देश को खतरा सामाजिक विभाजन से है। जिस दिन भारत इस सामाजिक विभाजन को समाप्त कर लेगा। भारत को विश्व गुरू बनने से कोई भी ताकत नहीं रोक सकती।

विश्व संवाद केन्द्र एवं सह संयोजक पाथेय कण के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को आयोजित नारद जयन्ती एवं पत्रकार सम्मान समारोह में प्रो.सिन्हा ने कहा कि आज भी समाज में एक बड़ा वर्ग दलित बनकर वंचित बना हुआ है। चाहे वह व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक या सांस्कृतिक कारणों से पीछे रह गया हो उसके प्रति समाज को संवेदनशीलता होना पड़ेगा।

एक छोर से आरक्षण व्यवस्था की बात होती है और हम पूरे दलित समाज पर सवाल खड़े कर देते हैं। हम नामदेवजी को भूल जाते हैं, हम तुकाराम को भूल जाते हैं। हम उन बाबा साहेब अंबेडकर को भूल जाते हैं, जिनको एक तांगे वाले इसलिए बिठाने से मना कर देता है कि तांगा भी छुआछूत का शिकार हो सकता है।

हम तर्क कुतर्क वहां करते हैं जो वर्तमान में हमें लक्षित होता है। हम भूत, वर्तमान और भविष्य के भारत के सपनों में एक बड़े समाज को जब तक अपने समान या बराबरी पर नहीं ले आते हैं, तब तक भारत को विश्व गुरू बनाने की बात करना भारत माता के साथ मजाक करने की तरह है।

Narada Jayanti and Journalists honors ceremony 2018 in Jaipur
Narada Jayanti and Journalists honors ceremony 2018 in Jaipur

उन्होंने पत्रकारिता के स्वर्णिम युग पर चर्चा करते हुए कहा कि कोई भी राष्ट्र तब तक ही जीवन्त रहता है, जब तक वहां की पत्रकारिता राष्ट्र की आत्मा के साथ जुड़ी रहती है। स्वतंत्रता से पूर्व जो पत्रकारिता पूंजीवाद से परे पूरी तरह राष्ट्र को समर्पित थी। उसमें राष्ट्रीय हित को प्रमुखता दी जाती थी। पत्रकारिता का उद्देश्य उन ताकतों को परास्त करना था। जो भारत को गुलाम बनाकर लोगों पर अत्याचार करती थीं। पत्रकार अपने हित को समाज के हित से अलग रखता था।

उन्होंने कहा कि सभी चीजों का सार पृथ्वी है इसलिए हम इसे मातृभूमि कहते हैं। पृथ्वी अर्थात पानी, पेड़, व्यक्ति, बोली, विवेक, उद्गार और ओम् हमें पूरे ब्रह्मांड से जोड़ती हैं। यही भारत का विचार है, जिसके लिए पश्चिम के लोग कहते हैं भारत का विचार क्या है।

उन्होंने कहा कि 2014 के बाद भारत बदल रहा है, भारत में आइडियाज ऑफ इंडिया का अंत हो रहा है ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पश्चिम ने हमें ध्वस्त किया था। 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के बाद से सौ गुना गति से अपनी मौलिकता में पुनः प्रवेश करने के लिए आगे बढ़ रहा है। इसे एक हजार पश्चिम भी नहीं रोक सकते।

समारोह अध्यक्ष भारतीय विदेश सेवा से सेवानिवृत गौरीशंकर गुप्ता ने कहा कि समाज में अच्छाई व बुराईयां हमेशा रहती हैं। भारत सबसे कम क्राइम वाला देश है जबकि समाचारों में ऐसा माहौल पैदा कर दिया जाता है कि यह क्राइम वाला देश है।

पत्रकार को समाज व देश हित को ध्यान में रखते हुए समाचारों में संतुलन बनाये रखना चाहिए। देवर्षि नारद हमारी सभ्यता व संस्कृति के परिचायक हैं। रामायण व महाभारत लिखने के लिये महर्षि बाल्मीकि व वेद व्यास को नारदजी ने ही प्रेरणा दी थी। वे सत्य की विजय के लिये घटनाओं की जानकारी एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते थे।

विशिष्ट अतिथि पाथेयकण के सम्पादक कन्हैयालाल चतुर्वेदी का अभिनंदन करते सबगुरु न्यूज के कंटेंट हेड विजय मौर्य।

गुप्ता ने कहा कि भारतीय सभ्यता व संस्कृति सबसे प्राचीन, जीवन्त व प्रगाढ़ है। हमारे प्राचीन ग्रन्थों में जैसी सच्चाई व विज्ञान है, वैसा कहीं नहीं है। हमारे वेदों, उपनिषदों में सभी प्रकार के प्रश्नों के उत्तर हैं। जैसे कि संसार क्या है? मैं कहां से आया? कैसे उत्पत्ति हुई? बाद में हम कहां चले जाते हैं? जबकि आज का विज्ञान अभी शोध ही कर रहा है। गुप्ता ने कहा कि संस्कृत भाषा संसार की सभी भाषाओं की जननी है जिसमें आज तक कोई परिवर्तन नहीं हुआ। इसी प्रकार गणित के अंक, शून्य का अविष्कार, आयुर्वेद, खगोलशास्त्र आदि भारत की देन हैं।

समारोह के मुख्य अतिथि सुबोध पीजी महाविद्यालय के प्रधानाचार्य केबी शर्मा ने पत्रकारिता के विकास में पत्रकारिता शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पाथेयकण के सम्पादक कन्हैयालाल चतुर्वेदी ने बताया कि पहली बार पाथेयकण द्वारा वर्ष 2002 में नारद जयन्ती मनाई गई थी जो निरंतर प्रति वर्ष मनाई जाती है। उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया।

इन पांच पत्रकारों को मिला सम्मान

समारोह में विशिष्ट क्षेत्रों में कार्य करने वाले पांच पत्रकारों का सम्मान किया गया। प्रिंट मीडिया से नई दुनिया के मनीष गोधा, फोटो पत्रकारिता के लिए टाईम्स ऑफ इण्डिया के भागीरथ, न्यूज पोर्टल के लिये ईनाडु टीवी भारत के अंकुर जाखड़, इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए जी न्यूज राजस्थान के आषुतोष शर्मा और लाईफटाईम अचीवमेंट के लिए राजस्थान पत्रिका के प्रदीप सिंह शेखावत को सम्मानित किया गया।

जयपुर में समारोह पूर्वक मनाई नारद जयन्ती, पत्रकारों का सम्मान