जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रतिनिधिमण्डल ने प्रदेश संगठन मंत्री डॉ. दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी से मुलाकात कर विभिन्न लंबित शिक्षक समस्याओं के त्वरित समाधान के साथ थानागाजी प्रकरण में भी तुरंत कार्यवाही की मांग की।
प्रदेश महामंत्री डॉ. सुशील कुमार बिस्सु ने बताया कि उच्च शिक्षा मंत्री को बताया गया कि सीएएस के तहत आयोजित बैठक को सम्पन्न हुए लगभग 8 माह बीत चुके हैं; परन्तु नियमानुसार लाभान्वित होने वाले शिक्षकों की सूची आज दिनांक तक भी जारी नहीं हुई है,जिससे शिक्षक समुदाय में गहरा असंतोष है।
अधिकांश महाविद्यालय बिना प्राचार्य के चल रहे हैं, आरवीआरईएस के शिक्षकों के सीएएस संबंधित प्रकरण लम्बे समय से लम्बित हैं। महाविद्यालयों में प्रोफेसर के पदों पर होने वाली पदोन्नति प्रक्रिया ठण्डे बस्ते में है। महाविद्यालयों में शारीरिक शिक्षक और पुस्तकालय अध्यक्षों के अधिकांश पद रिक्त पड़े हैं। सातवें वेतनमान की शेष राशि देने की बात सुनी नहीं जा रही है तथा थानागाजी जैसे कतिपय प्रकरणों के बाद तो राज्य में शिक्षकों का सम्मान भी सुरक्षित नहीं है।
प्रतिनिधिमण्डल ने मंत्री महोदय से निवेदन किया है कि रीट परीक्षा के दौरान थानागाजी के एसडीएम एवं तहसीलदार ने वहां के महाविद्यालय में जाकर राजकार्य में जो बाधा डाली तथा ड्यूटी पर कार्यरत शिक्षकों के साथ अमानवीय व्यवहार करके विलम्ब से आए अभ्यर्थियों को अवैध तरीके से महाविद्यालय में प्रवेश दिलाने का प्रयास किया गया था। उक्त संदर्भ में प्रशासन द्वारा अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे शिक्षकों में असुरक्षा के साथ-साथ गहरा रोष भी है।
इस अवसर पर संगठन की मांग पर राज्य के महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में दशहरा, दीपावली व शीतकालीन अवकाश घोषित करने के लिए उनका आभार भी प्रकट किया गया।
प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों को भाटी ने थानागाजी प्रकरण सहित उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षकों की माँगों व समस्याओं पर शीघ्र ही अपेक्षित कार्यवाही करने का विश्वास दिलाया। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दीपक शर्मा ने कहा कि रुक्टा (राष्ट्रीय) के सदस्य राज्य की उच्च शिक्षा की दशा व दिशा में सुधार लाने के लिए मनोयोग से कार्य करते रहेंगे।