राजेंद्र कुमार जोशी, एक भारतीय मूल के स्विस वैज्ञानिक, जिन्होंने यूरोप में फार्मेसी में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार जीते हैं, अब भारतीय युवाओं को स्किल करने और उन्हें नौकरी के लिये तैयार करने में अपने देश में वापस निवेश कर रहे हैं।
उन्होंने पहले से ही एक कौशल विकास विश्वविद्यालय, एक उपकरण विनिर्माण उद्योग स्थापित किया है। आने वाले 2 वर्षों में, वे एक और रुपये निवेश करने जा रहे हैं। आने वाले 2वर्षों में,आरयूजे समूह700 करोड़ का निवेश करने जा रहे हैं जिसके तह्त एक डेयरी प्लंाट की स्थापना – रुफिल प्रा. लिमिटेड, मॉड्यूलर फर्नीचर प्लंाट – आरयूजे वुड क्राफ्ट प्रा. लिमिटेड, विद्युत समाधान प्रदाता – आरयूजे इलेकॉन एंव आरयूजे अस्पताल स्थापित किये जायेंगे।
भारत में 2015 के दौरान साक्षरता दर से पता चलता है कि 15-24 वर्ष की उम्र के लिए युवा साक्षरता दर 95.2 प्रतिशतथी जबकि 2018 में वयस्क साक्षरता दर 80.1 प्रतिशत है। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि साक्षर लोगों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। डॉ राजेंद्र कुमार जोशी का मानना है कि युवाओं को नौकरी के लियेे तैयार बनाने के लिए भारतीय शैक्षिक
पाठ्यक्रम में क्रांतिकारी बदलाव की जरूरत है; इसलिए, वह युवाओं को स्किल करने में निवेश कर रहे है। आरयूजे समूह के संस्थापक, डॉ राजेंद्र कुमार जोशी बताते हैं कि,“ एक समय था जब शिक्षा को सफल करियर बनाने के लिए सर्वोपरि माना जाता था लेकिन आज के समय में अनुभवी शिक्षा मुख्य हो गई है क्योंकि औद्योगिक उत्पादन वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं ; इसलिए, राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक स्थिरता और विकास के अंतिम लक्ष्य के साथ व्यक्ति को करियर लक्ष्यों प्राप्त करने के लिए कौशल विकास की आवश्यकता है। “
वैश्विक मंच पर दूरूस्त उत्पादों के लिए गुणवत्ता सप्लायर होने के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण और शिक्षुता कार्यक्रमों के माध्यम से कार्यबल की आपूर्ति, चुनौतियों, अवसरों, अंतराल, मांग, कर्मचारियों की आपूर्ति और उनके विकास को समर्थन देने के उद्देश्य से आरयूजे समूह ने लगभग 500 करोड़ का निवेश भारतीय कौशल विकास विश्वविद्यालय किया है और लगभग 300 करोड़ का निवेश आरएस इंडिया मेंकिया है। इसके अलावा समूह ने आरयूजे वुडक्राफ्ट, आरयूजे अस्पताल इत्यादि जैसी विभिन्न आगामी पहलों के तहत आने वाले सालों में राजस्थान में भारी निवेश करने की योजना बनाई है।
भारतीय कौशल विकास विश्वविद्यालय न केवल स्किलिंग कार्यक्रम प्रदान करके कौशल विकास के दायरे को बढ़ा रहा है बल्कि उद्यमिता में बी-वोक जैसे पाठ्यक्रमों द्वारा उद्यम विकास भी बढ़ा रहा है। इसके अलावा, एआई व मशीन र्लनींग मे बी-वोक जैसेउद्योग-समन्वयित पाठ्यक्रम और विभिन्न नवीनतम व्यापारों में पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं।
आरयूजे ग्रुप के अध्यक्ष ट्रस्टी जयंत जोशी ने बताया कि “राजस्थान की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले प्रमुख उद्योग सीमेंट, पर्यटन, आईटी और आईटीस , सेरामिक्स, हस्तशिल्प, रसायन, कपड़ा, संगमरमर और इस्पात हैं; जिनमें से सभी को कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है। हम इन उद्योगों की आवश्यकताओं और शिक्षा प्रणाली के बीच कौशल अंतर को भरने की कोशिश कर रहे हैं। औद्योगिक परिस्थिति में काम करने के लिए आश्वस्त व विश्व स्तरीय मशीनों पर हाथ से प्रशिक्षण के साथ छात्रों को लैस कर रहे हैं। “