नई दिल्ली। देश में भारी संख्या में पायलटों की जरूरत को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पायलट बनने के लिए अनिवार्य उड़ान अनुभव में कमी कर दी है।
मंत्रालय ने एयरक्राफ्ट रूल्स, 1937 में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार पायलट लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदन से ठीक पहले के एक साल में डेढ़ हजार घंटे की उड़ान की शर्त हटा दी गई है। हालांकि, पिछले छह महीने में 10 घंटे की बजाय अब 20 घंटे के उड़ान अनुभव को अनिवार्य बनाया गया है।
आवेदक के कुल उड़ान अनुभव में इंस्ट्रक्टर की निगरानी में 500 घंटे की उड़ान शर्त को घटाकर 250 घंटे किया गया है। कुल अनुभव में क्रॉस कंट्री फ्लाइट टाइम की अर्हता 200 घंटे से घटाकर 100 घंटे की गई है। इंस्ट्रूमेंट फ्लाइंग की समय अनिवार्यता भी 100 घंटे से घटाकर 75 घंटे की गई है।
हेलिकॉप्टर पायलट के लाइसेंस के लिए आवेदन से पहले के 12 महीने में 100 घंटे की उड़ान की शर्त हटा दी गई है। हालांकि पिछले छह महीने में 10 घंटे की उड़ान की अनिवार्यता को बढ़ाकर 15 घंटे किया गया है।