जयपुर। राजस्थान में निर्माण मजदूरों के पंजीकरण के लिए श्रम विभाग 15 जुलाई से 15 अगस्त तक विशेष अभियान चलाएगा, ताकि मजदूरों को केंद्र तथा राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभांवित किया जा सके।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए निर्देश जारी किए हैं। गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित श्रम संहिताओं के प्रारूप पर विमर्श के लिए आयोजित विशेष बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने निर्देश दिए कि निर्माण मजूदरों के पंजीकरण के लिए अभियान के दौरान श्रम विभाग के अधिकारी निर्माण स्थलों तथा मजदूरों के इकट्ठा होने की जगहों (चौखटी) पर जाकर ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन करें। इससे अधिकाधिक निर्माण मजदूर भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) के तहत संचालित योजनाओं को लाभ ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने निर्माण मजदूरों के परिवारों की ओर से बीओसीडब्ल्यू के पास विभिन्न योजनाओं से संबंधित लंबित आवेदनों के जल्द निस्तारण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के संचालन के लिए प्रदेशभर में निर्माणकर्ताओं से उपकर संग्रहण (सेस कलेक्शन) के काम को गति दी जाए।
उन्होंने बीओसीडब्ल्यू के प्रावधानों के तहत बड़े भवन एवं अन्य संरचना निर्माणकर्ताओं से निर्माण कार्य की लागत के एक प्रतिशत सेस की वसूली के लिए विशेष अभियान चलाने, निर्माण कार्यों की जीआईएस मैपिंग कराने तथा विभाग के स्तर पर एमेनेस्टी योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए।
गहलोत ने श्रम विभाग को पलम्बर, इलेक्टि्शियन, मैकेनिक, पटरी-रेहड़ी पर सामान बेचने वाले, खोमचे वाले, स्ट्रीट वेंडर्स, रिक्शा चालक आदि असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों के लिए बीओसीडब्ल्यू की तर्ज पर अलग बोर्ड गठित करने के प्रस्ताव का परीक्षण करने के निर्देश दिए।