कीव। यूक्रेन के सुमी में फंसे भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारे की कमी पर भारत द्वारा चिंता व्यक्त किए जाने के एक दिन बाद यूक्रेनी उपप्रधानमंत्री इरीना वीरेशचुक ने कहा कि मानवीय गलियारा मंगलवार को खुलेगा।
वीरेशचुक ने कहा कि आज, सुमी शहर के लिए एक मानवीय गलियारा शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तथ्य पर आधिकारिक तौर पर रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ आईसीआरसी को एक पत्र में सहमति व्यक्त की गई है। यानी रेड क्रॉस और हम दोनों के साथ मानवीय गलियारे के उद्घाटन पर सहमति हुई थी, हमारे पास दस्तावेजी सबूत भी हैं।
मीडियो रिपोर्टों के मुताबिक भारत और चीन के नागरिकों सहित सभी नागरिकों को सुमी से पोल्टावा पहुंचाया जाएगा। सूमी में 500 से अधिक भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। रूस द्वारा सूमी में अस्थायी युद्धविराम और मानवीय गलियारे की घोषणा के बावजूद छात्रों को बाहर नहीं निकाला जा सका है।
वीरेशचुक ने सुबह सात बजे (स्थानीय समयानुसार) युद्धविराम की घोषणा की ताकि लोग मानवीय गलियारे के माध्यम से सुमी को छोड़ सकें। पहला कॉलम सुबह आठ बजे (स्थानीय समयानुसार) कॉरिडोर के साथ चलना शुरू होगा। उन्होंने कहा कि किसी अन्य मार्ग पर सहमति नहीं हुई।