Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Russia's 'Great Mistake' Deploying S-300 Missile System in Syria: US - सीरिया में एस-300 मिसाइल प्रणाली की तैनाती रूस की ‘भारी भूल’: अमेरिका - Sabguru News
होम World Europe/America सीरिया में एस-300 मिसाइल प्रणाली की तैनाती रूस की ‘भारी भूल’: अमेरिका

सीरिया में एस-300 मिसाइल प्रणाली की तैनाती रूस की ‘भारी भूल’: अमेरिका

0
सीरिया में एस-300 मिसाइल प्रणाली की तैनाती रूस की ‘भारी भूल’: अमेरिका
Russia's 'Great Mistake' Deploying S-300 Missile System in Syria: US
Russia's 'Great Mistake' Deploying S-300 Missile System in Syria: US
Russia’s ‘Great Mistake’ Deploying S-300 Missile System in Syria: US

न्यूयार्क । अमेरिका ने कहा है कि कि सीरिया में एस-300 मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती का रूस का हालिया फैसला उसकी ‘भारी भूल’ होगी। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि इस फैसले से इस क्षेत्र में पहले से व्याप्त तनाव में ‘काफी बढ़ोतरी’ होगी लिहाजा उसे अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जब तक ईरानी सैनिक ईरान की सीमाओं पर तैनात हैं, तब तक अमेरिकी सैनिक सीरिया से नहीं हटेंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद से बात करके उन्हें सीरिया की हवाई रक्षा प्रणाली को मजबूत करने से संंबंधित अपने फैसले के बारे में जानकारी दी। उसमें सीरिया को सतह से हवा में मार करने वाली एस-300 मिसाइल प्रणाली मुहैया कराना शामिल है।

इससे पहले रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा कि एक सप्ताह पहले सीरिया द्वारा उसके हवाई क्षेत्र में एक रूसी सैन्य विमान को मार गिराये जाने के बाद एेसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सीरिया को वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति करने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि सैन्य विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से रूसी सेना के 15 सदस्य मारे गये थे।

श्री शोइगु ने कहा, “एक आधुनिक एस-300 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली दो सप्ताह के भीतर सीरिया भेज दी जाएगी। इस प्रणाली से सीरियाई सेना की युद्धक क्षमता में इजाफा होगा। रूस सीरियाई विमान निरोधक इकाइयों को रूसी ट्रैकिंग और दिशासूचक प्रणालियों से लैस करेगा ताकि वे उसके देश के विमानों को पहचान सके।”