अजमेर। संस्कार भारती की अजमेर इकाई की ओर से कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में रविवार को अजमेर में पहली बार सांझी कला को मांडना विधि द्वारा चित्रांकित करने की कार्यशाला का आयोजन किया गया।
सांझी के अंतर्गत श्रीकृष्ण की शरारतें जीवंत हुई। वृंदावन में राधा रानी एवं गोपियों के वस्त्रों का हरण बाल्यकाल में श्रीकृष्ण द्वारा किया गया। इस मनमोहक दृश्य का चित्रांकन कलाकारों द्वारा 20 फुट की विशाल सांझी के अंतर्गत किया गया।
कार्यशाला का संयोजन चित्तौड़ प्रांत के भू- अलंकरण प्रमुख संजय कुमार सेठी द्वारा वैशाली नगर स्थित लोक कला भवन में किया गया।
संस्कार भारती के महासचिव महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि ब्रज में मन्दिरों में इन दिनों सांझी सजाई जाती है। यह एक लोकोत्सव है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रांतीय अध्यक्ष एके रेना ने कलाकारों द्वारा चित्रांकित की गई सांझी का अवलोकन किया एवं इस लुप्त होती लोक कला को पुनर्जीवित करने के प्रयासों की सराहना की।
कार्यशाला के अंतर्गत अलका शर्मा के निर्देशन में लता दगदी, अक्षरा महेश्वरी, प्रियंका जैन, लता शर्मा, छवि दगदी, आरिफा एवं संजय कुमार सेठी द्वारा विशाल सांझी का चित्रांकन किया गया।
संस्कार भारती द्वारा सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इन सभी कलाकारों को आगामी कुंभ मेले में अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर इकाई द्वारा प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम में विशेष सहयोग कृष्णमोहन रंगा एवं नीरज पारीक का रहा।