नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) सबा करीम ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है लेकिन बीसीसीआई ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया है।
पूर्व भारतीय विकेटकीपर करीम ने शनिवार को ही अपना इस्तीफ़ा बीसीसीआई को भेज दिया था लेकिन समझा जाता है कि बीसीसीआई ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया है। बीसीसीआई ने करीम के इस्तीफे पर अभी तक कोई टिप्पणी भी नहीं की है।
अनुबंध के अनुसार करीम के पास छह महीने की नोटिस अवधि है जब तक कि बीसीसीआई उनका इस्तीफ़ा मंजूर उन्हें पहले ही अपने पद से हटने न दे। सौरभ गांगुली के नेतृत्व में बीसीसीआई का नया प्रशासन आने के बाद से करीम चौथे वरिष्ठ अधिकारी हैं जिन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया है।
इस महीने के शुरू में बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। बोर्ड के मुख्य वित्तीय अधिकारी संतोष रंगनेकर और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के मुख्य संचालन अधिकारी तूफ़ान घोष अपने पदों से इस्तीफ़ा दे चुके हैं।
बीसीसीआई ने पिछले सप्ताह जौहरी का इस्तीफ़ा स्वीकार किया था जबकि उन्होंने अपना इस्तीफ़ा दिसम्बर में सौंप दिया था। जौहरी ने अपना पांच वर्ष का अनुबंध पूरा होने एक साल पहले ही अपना पद छोड़ दिया।
बीसीसीआई के पहले प्रोफेशनल सीईओ ने 2017 में करीम की नियुक्ति की थी। करीम ने एमवी श्रीधर की जगह ली थी जिन्होंने उस साल सितम्बर में अपना पद छोड़ दिया था। करीम ने दूसरी बार बीसीसीआई में काम किया। वह संदीप पाटिल की अगुवाई वाली राष्ट्रीय चयन समिति का हिस्सा रहे थे।
बीसीसीआई की सर्वोच्च परिषद की शुक्रवार को बैठक हुई थी जिसमें बोर्ड में नए अधिकारियों की नियुक्ति पर चर्चा होनी थी और इस बैठक में करीम के इस्तीफे का मुद्दा चर्चा के लिए नहीं आया था। इस वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता बोर्ड अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने की थी। करीम को इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था।