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Sabarimala row: Two women reach hilltop but return due to massive protests-सबरीमाला विवाद : दो महिलाएं वापस लौटीं - Sabguru News
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सबरीमाला विवाद : दो महिलाएं वापस लौटीं

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सबरीमाला विवाद : दो महिलाएं वापस लौटीं
Sabarimala row: Two women reach hilltop but return due to massive protests
Sabarimala row: Two women reach hilltop but return due to massive protests
Sabarimala row: Two women reach hilltop but return due to massive protests

तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश करने वाली मोजो टीवी की एक पत्रकार सहित दो महिलाओं को श्रद्धालुओं और पुजारियों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके बाद वह वापस लौट गईं। इस पर केरल के पर्यटन मंत्री कडकमपिल्ली सुरेंद्रम ने कहा कि राज्य सरकार सबरीमाला के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी।

दोनों महिलाओं के आगे बढ़ने पर अयप्पा मंदिर के पुजारी ने पवित्र स्थल के कपाट बंद करने की धमकी भी दी। इनमें से एक महिला कोच्चि की रहने वाली है एवं बीएसएनएल की कर्मचारी है। जब महिलाएं पवित्र स्थल से 100 मीटर दूर वलिया नाडा पंडाल तक पहुंची तो श्रद्धालुओं की बड़ी तदाद ने उनका विरोध किया।

सुरेंद्रम ने शुक्रवार को स्पष्ट कहा कि सरकार सबरीमाला के नाम पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी। सबरीमाला सन्निधनम में भारी प्रदर्शन के बाद उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार कभी भी प्रदर्शनकारियों को पवित्र भूमि को उनका गढ़ बनाने नहीं देगी।

सबरीमाला जाने वाली दो महिलाओं को पुलिस द्वारा पकड़ने पर उन्होंने कहा कि सरकार पवित्र स्थान पर इस तरह की गतिविधियों या किसी भी हड़ताल को कभी अनुमति नहीं देगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब पुलिस दो महिलाओं को सबरीमाला शनिधानम में ले गई, उसके दो घंटे बाद उन्हें महिला कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी मिली।

केंद्र ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए केरल, तमिलनाडु तथा कर्नाटक की सरकारों को सुरक्षा के जरूरी प्रबंध करने काे कहा है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी परामर्श में कहा कि स्थिति को देखते हुए सुरक्षा के उपायों के लिहाज से जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। प्रतिबंध से संबंधित जरूरी आदेश जारी करके, कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के वास्ते सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली सूचनाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

इसके साथ ही उन लोगों पर भी विशेष नजर रखने की जरूरत है जो किसी भी स्थिति में मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को वर्जित रखना चाहते हैं। इस संबंध में कुछ लोग कर्नाटक और तमिलनाडु में भी प्रदर्शन कर रहे हैं।

वही, केरल के पुलिस महानिदेशक ने शुक्रवार को राज्यपाल सेवानिवृत्त न्यायाधीश पी. सदशिवम से वार्ता की और सबरीमाला की स्थिति की जानकारी से अवगत कराया। राज्य पुलिस प्रमुख ने राज्यपाल को बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और सबरीमाला में पूजा करने वाले सच्चे लोगों को पुलिस सुरक्षा मुहैया करवा रही है।

बाद में, विपक्ष के नेता रमेश चेन्नथला, सांसद सुरेश गोपी, विधायक राजगोपाल, केरल भाजपा के संगठन सचिव एम. गणेश और तिरुवनंतपुरम जिले के भाजपा अध्यक्ष एडवोकेट सुरेश ने राज्यपाल के साथ बैठक की और सबरीमाला ए‌वं अन्य स्थानों में स्थिति के बारे में बताया।

उन्होंने सबरीमाला में हो रहे घटनाक्रम और पुलिस की कार्रवाई पर भी अपनी बात रखी। राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया कि उचित विचार और आवश्यक कार्रवाई के लिए उनकी बातों को राज्य सरकार को बताई जाएगी।

उच्चतम न्यायालय के 10-50 साल की उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के बाद शुक्रवार सुबह पहली बार मंदिर खोला गया, जिसमें प्रवेश के करने के लिए 100 पुलिसकर्मियों द्वारा अनुरक्षित दो महिलाएं पवित्र सबरीमाला मंदिर मार्ग पहुंची। बुधवार से इस उम्र वर्ग की एक भी महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई।

20 वर्षीय महिला पत्रकार मंदिर में प्रवेश के लिए पुलिस महानिरीक्षक श्रीजीत के नेतृत्व में कमांडो समेत भरी सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। लेकिन स्थिति अनुकूल नहीं होने और श्रद्धालुओं के कड़े विरोध के बाद उन्हें सबरीमाला के आधार शिविर पंबा वापस जाना पड़ा।

पुलिस महानिरीक्षक ने दोनों महिलाओं से मुलाकात की और उन्हें शनिधानम में श्रद्धालुओं पर हुए लाठीचार्ज की स्थिति और परिणामों के बारे में सूचित किया। उन्होंने उनसे खराब स्थिति का हवाला देते हुए पंबा आधार शिविर पर लौटने का भी अनुरोध किया। शनिधानम में तनाव बढ़ने के बाद पुलिस ने उन्हें वापस पंबा ले आई।