पतनमथिट्टा। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के फैसले के बाद 10-50 वर्ष की आयु वर्ग में पंबा नदी पार करने वाली ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की सुहासिनी राज पहली महिला बन गई हैं, हालांकि उन्हें गुरुवार को श्रद्धालुओं के विरोध की वजह से यहां वापस पंबा आधार शिविर लौटना पड़ा।
द न्यूयॉर्क टाइम्स के दिल्ली ब्यूरो में करने वाली महिला पत्रकार को कमांडो सहित भारी पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई थी, लेकिन वह सबरीमाला मार्ग पर नहीं जा सकी और मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर मारककुट्टम में श्रद्धालुओं के भारी विरोध के कारण पंबा आधार शिविर में लौटने के लिए मजबूर हो गईं।
पत्रकार ने लोगों को बताया कि वह 50 वर्ष की हैं लेकिन प्रदर्शनकारी शक करते रहे और विरोध जारी रखा। रीतियों के अनुरूप मंदिर में 10-50 आयु वर्ग के बीच महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है।
पंडालम पैलेस के सूत्रों ने बताया कि महिला पत्रकार ने पंबा में जहां पूजा की परंपराओं के अनुरूप उस जगह तक महिलाओं को जाने की इजाजत होती है।
पुलिस ने दावा किया कि पत्रकार को पूरी सुरक्षा प्रदान की गई थी लेकिन उन्होंने भक्तों के भारी विरोध का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि उन पर हमला करने की कोशिश की गई।
उन्होंने पुलिस को बताया कि वह महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे भक्तों की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती हैं। बाद में, पुलिस ने उन्हें पंबा थाने लाई और प्रदर्शनकारियों द्वारा कथित हमले पर उन्होंने अपना बयान दर्ज किया।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में श्रद्धालुओं पर पुलिस लाठी चार्ज से पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति की रिपोर्टिग के लिए महिला पत्रकार अपने सहकर्मियों के साथ यहां आईं थी।
पुलिस के मुताबिक महिला पत्रकार जब मरककुट्टम के पास पहुंची तब स्थिति और खराब एवं अनियंत्रित हो गयीं क्योंकि पूजा करके वापस लौट रहे श्रद्धालु और प्रदर्शनकारियों ने उनके प्रवेश की जांच की मांग की और उसके खिलाफ एकजुट होकर विरोध करने लगे।
राज की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मी उनको बचा रहा था लेकिन स्थिति अच्छी नहीं थी तो उसके एक सहयोगी ने बचाने के प्रयास छोड़कर और सबरीमाला के आधार स्टेशन पंप को वापस लौटने की राय दी।
राज ने स्थिति को देखते हुए मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह जनता की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहतीं, इसलिए अपनी यात्रा छोड़कर पंबा स्थित आधार स्टेशन पर वापस जा रही हैं। बाद में पुलिस उन्हें पंबा थाने लाई।
पंबा में निगरानी कर रहे पुलिस महानिरीक्षक जी मनोज अब्राहम ने मीडिया को बताया कि पुलिस उन महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए तैयार थी जो सबरीमाला जाना चाहती थीं।
मीडिया एवं लाठीचार्ज के खिलाफ व्यापक आंदोलन एवं विरोध के मद्देनजर पतनमथिट्टा जिला अधिकारियों ने लोगों को इकट्ठा होने के रोकने के लिए दो दिनों तक प्रतिबंधक आदेश लगा दिया। भक्तों पर प्रतिबंध लागू नहीं हैं।
सबरीमाला समरक्षण समिति ने राज्य सरकार के रुख के खिलाफ 24 घंटे के हड़ताल की मांग की थी, समिति ने बताया कि वह महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के उच्चतम न्यायालय के फैसले का विरोध नहीं कर रहे हैं।