सबरीमला। केरल के प्रसिद्ध अयप्पा मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सोमवार शाम मंदिर के कपाट एक बार फिर खोले गए।
मंदिर के कपाट त्रावणकोर राज परिवार के शासक चितिरा तिरुनल बलराम वर्मा के जन्मदिन समारोह ‘चितिरा अट्टाविशेषम’ के अवसर पर एक दिवसीय पूजा के लिए खोले गए थे। महिलाआें के प्रवेश की अनुमति के फैसले के खिलाफ प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर केरल पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर रखी थी और 3000 से अधिक पुलिसकर्मी मंदिर के अंदर और उसके आसपास तैनात किए गए थे।
मंदिर के तंत्री (मुख्य पुजारी) के निवास पर मोबाइल जैमर लगाए गए थे और अपुष्ट रिपोर्टों के मुताबिक मुख्य पुजारी कंदारारू राजीवारारू और प्रधान पुजारी मेलशांति को मीडिया से दूरी बनाए रखने को कहा गया था। इस बीच चेरथला निवासी एक महिला ने भगवान अयप्पा के निवास सन्निदनम जाने के लिए पुलिस से मदद मांगी थी।
भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के महासचिव के सुरेंद्रन और एम टी रमेश, पार्टी के पूर्व प्रवक्ता वी वी राजेश, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता जे नंद कुमार समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता भी सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं के समर्थन के लिए सन्निदनम पहुंचे हुए थे।