सबरीमाला। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने की इजाजत देने के सुप्रीमकोर्ट के आदेश के विरोध में बुधवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस के लाठीचार्ज और झड़प के दौरान सैकड़ों आंदोलनकारी श्रद्धालु एवं कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। सबरीमाला मंदिर को मासिक पूजा के लिए आज शाम पांच बजे खोल दिया गया।
पुलिस और आंदोलनकारी श्रद्धालुओं के बीच झड़प के दौरान दोनों आेर से जमकर पथराव किया गया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए जमकर लाठियां बरसाईं।
प्रशासन की ओर से चार स्थानों-इलावुन्कल, निलक्कल, पंबा और सन्निदानम में निषेधाज्ञा आदेश लागू किए गए थे। पुलिस ने हिंसा को रोकने के की खातिर मंदिर की 30 किलोमीटर की परिधि में सभी प्रकार के आंदोलनों पर भी प्रतिबंध लगाया था।
बड़ी संख्या में तैनात महिला पुलिसकर्मियों समेत पुलिस के जवानों ने पंबा और आधार शिविर निलक्कल में धरना दे रहे श्रद्धालुओं को जबरन हटाया। तांत्रिक परिवार के सदस्य राहुल ईश्वर और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं समेत विभिन्न हिंदू संगठनों के आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बल पर पथराव शुरू कर दिया।
लाठीचार्ज और झड़प में घायल महिलाओं समेत सभी प्रदर्शनकारियों को पथानमथिट्टा के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस बीच पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए सबरीमाला के जंगल में तलाशी अभियान शुरू किया है।
हिंसा की आशंका को ध्यान में रखते हुए निलक्कल, पंबा और भगवान अय्यप्पा के पहाड़ी निवास सन्निदानम में विभिन्न स्थानों पर एक हजार से अधिक पुलिस जवानों को तैनात किया गया था।
सबरीमाला मंदिर में शाम को उद्घाटन समारोह और मासिक पूजा में हजाराें श्रद्धालु शामिल हुए। तांत्रि (मुख्य पुजारी) राजीव कंतरारु की उपस्थिति में मंदिर शाम पांच बजे मेल्संथी (मुख्य पुजारी) द्वारा खोला गया।
इस बीच, केरल भारतीय जनता पार्टी के महासचिव के सुरेंद्रन समेत पार्टी के नेताओं ने आंदोलनकारी श्रद्धालुओं पर हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की तथा रिवाज और परंपराओं को बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया।
केरल के देवास्वम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने भाजपा नेताओं ये अपना आंदोलन वापस लेने और श्रद्धालुओं को गुमराह करने से दूर रहने की अपील की। उन्होंने भाजपा नेताओं से अगले पांच दिनों तक परेशानी मुक्त तीर्थयात्रा के लिए सकारात्मक सहयोग देने का भी आग्रह किया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सुधाकरन ने आरोप लगाया कि राज्य की वामपंथी सरकार श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं पर चोट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया।