नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसले में केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दे दी।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 4:1 का बहुमत का फैसला सुनाते हुए कहा कि शरीर क्रिया विज्ञान (फिजियोलॉजी) के आधार पर 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के सबरीमला मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी संविधान प्रदत्त उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
संविधान पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति रोहिंगट एफ नरीमन और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा शामिल हैं। न्यायालय ने यह फैसला इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनाया।