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सचिन पायलट ने अपने 'चक्रव्यूह' में सभी को उलझाया - Sabguru News
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सचिन पायलट ने अपने ‘चक्रव्यूह’ में सभी को उलझाया

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सचिन पायलट ने अपने ‘चक्रव्यूह’ में सभी को उलझाया
Sachin Pilot confuses everyone in his cycle
Sachin Pilot confuses everyone in his cycle
Sachin Pilot confuses everyone in his cycle

सबगुरु न्यूज। पांच दिनों से राजस्थान की सियासी हलचल को देखते हुए कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य की सत्ता में बड़ा उलटफेर होने वाला है। आज उम्मीद थी कि सचिन पायलट दिल्ली में कोई बड़ा एलान कर सकते हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों की निगाहें सचिन पायलट के फैसले पर लगी हुई थी। लेकिन पायलट ने दिल्ली में जो कहा वह सभी को उलझा गया। उन्होंने कहा कि वे भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं, अभी भी वे कांग्रेस के मेंबर हैं, उन्होंने कहा कि कुछ लोग मेरा नाम भाजपा से जोड़कर मेरी इमेज खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। सचिन पायलट का यह बयान किसी के गले नहीं उतरा। जैसा कि पहले सचिन के भाजपा में जाने के लिए कयास लगाए जा रहे थे।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष ओम माथुर ने बाकायदा उनके लिए दरवाजे भी खोल दिए थे। पायलट ने अभी तक अपने पूरे पत्ते नहीं खोले हैं।‌ सचिन पायलट न अशोक गहलोत की सरकार गिरा पाए? न भाजपा में शामिल हुए? न कोई राजस्थान में नया राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की है। जिस तेवरों के साथ वह जयपुर से दिल्ली रवाना हुए थे उससे यही कयास लगाए गए थे कि राज्य की सत्ता में बड़ा उलटफेर होकर रहेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस पूरे सियासी ड्रामे में अशोक गहलोत का पलड़ा भारी पड़ गया है।‌ सचिन आगे करेंगे क्या? फिलहाल उन्होंने अपने चक्रव्यूह में सभी को उलझा कर रख दिया है। दूसरी ओर राजस्थान में गहलोत के सत्ता में पकड़ को देखते हुए भाजपा को भी अंदाजा हो गया होगा कि गेंद उसके पाले में नहीं है।

फिलहाल सचिन पायलट ने अपनी सत्ता और पावर भी गंवा दी है

सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री हैं न राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं, अब वे एक विधायक बचे हुए हैं। साथ ही कांग्रेस पार्टी का वे भरोसा भी तोड़ चुके हैं। अब वह सियासी दोराहे पर खड़े हैं। अपमान का घूंट पी पार्टी में बने रहें या फिर अलग राह पकड़ें। कांग्रेस आलाकमान ने अब साफ कर दिया है कि पायलट जल्द से जल्द रास्ते पर आ जाएं नहीं तो उनको और उनके समर्थकों को विधानसभा की सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ सकता है। ‌

गहलोत बनाम पायलट के बीच छिड़ी ये राजनीतिक लड़ाई में अब कानूनी दांवपेच की एंट्री भी होने वाली है। यही नहीं सचिन पायलट ने आज दिल्ली में कहा कि वह अशोक गहलोत से नाराज नहीं है, जब गहलोत से नाराज नहीं है तो उनको 5 दिन सियासी ड्रामा करने की जरूरत क्या थी? दूसरी ओर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि सचिन पायलट को सांसद, केंद्रीय मंत्री, राजस्थान पार्टी का चीफ और डिप्टी सीएम बनाया गया। उनकी उम्र क्या है? उन्हें धैर्य रखना चाहिए।

गहलोत के बहुमत के बाद भाजपा भी संभल कर दांव खेलने में जुटी

मंगलवार को जब भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम माथुर ने कहा कि सचिन पायलट के लिए हमारी पार्टी में दरवाजे खुले हुए हैं।‌ तब यह उम्मीद थी कि पायलट बुधवार को दिल्ली में भाजपा में जाने के लिए एलान कर सकते हैं। लेकिन मंगलवार की रात में ऐसा क्या हो गया कि भाजपा और सचिन पायलट को एक दूसरे से हाथ मिलाने के लिए बैकफुट पर आना पड़ा ? पायलट ने आज दिल्ली में कहा कि वे भाजपा जॉइन नहीं कर रहे हैं।‌

यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वे ज्योतिरादित्य सिंधिया से पिछले 6 महीने से मिले नहीं हैं। सचिन के दोनों बयान राजनीति के पंडितों के फिलहाल गले नहीं उतरे। राजस्थान की सियासी हलचल के बीच बीजेपी सचिन पायलट का अपनी पार्टी में स्वागत करने के लिए तो तैयार है, लेकिन अभी संभलकर दांव खेलना चाहती है। भाजपा का यह असमंजस गहलोत और सचिन गुट के संख्या बल को लेकर है। सचिन की भविष्य की मंशा क्या है? इस पर भी स्थिति साफ नहीं है, फिलहाल कुछ दिन और इंतजार करना होगा।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार