सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के नागल थाने की पुलिस और स्वाट टीम ने प्रेमी युगल की मौत की गुत्थी को सुलझाते हुए युवती के पिता को गिरफ्तार कर लिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश प्रभु ने शनिवार को यहां बताया कि ताजपुर गांव निवासी जोगेंद्र सिंह ने गत 17 मई कोे नागल पुलिस को सूचना दी थी कि ताजपुर गांव के जंगल में रामबीर के खेत में उसके पुत्र उज्जवल उर्फ चेतन और एक युवती निशा के शव पडे है। शरीर पर गोली लगी है और मौके पर एक अवैध तमंचा 315 बोर और दो खोखे कारतूस भी पडे है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 और आम्र्स एक्ट में अभियोग पंजीकृत कर लिया है।
उन्होंने बताया कि पुलिस दल ने दोनों शवों और घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया था। पुलिस को यह भरोसा हो गया था कि यह मामला आत्महत्या का नहीं है। यह हत्या का मामला है। पुलिस ने इस बात को छिपाते हुए कि यह आत्महत्या नहीं है। अपनी जांच जारी रखी। उन्होंने कहा कि जांच का कार्य इसलिए मुश्किल था कि पुलिस के पास किसी तरह के साक्ष्य और सबूूत मौजूद नहीं थे।
एसएसपी ने बताया कि जांच में जो सच्चाई उजागर हुई है उससे पूरे घटनाक्रम की जानकारी सामने आ गई है। यह सम्मान की खातिर की गई हत्या का मामला निकला। आमतौर से सभी लोगों ने इसे प्रेमी युगल द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना मान लिया था। गिरफ्तार हत्यारोपी राजेश सिंह भी यही बात मानकर निश्चित हो गया था और फरार नहीं हुआ था।
उन्होंने बताया कि प्रेमी युवक उज्जवल अपनी प्रेमिका से मिलने उसके घर गया था। वह अपने साथ सुरक्षा की दृष्टि से तमंचा भी लेकर गया था। युवती निशा के परिजनो ने दोनों को एक साथ देख लिया था। वे दोनों आपस में मरने-जीने की बात कर रहे थे। घर से जंगल की तरफ भाग गए थे।
प्रेमिका निशा के पिता राजेश सिंह ने दोनों का पीछा कर ताजपुर के जंगल में पहले अपनी बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी क्योंकि वह वापस घर जाने को तैयार नहीं थी। उसकी हत्या किए जाने के बाद युवक उज्जवल ने भी राजेश से उसे गोली मार देने को कहा। राजेश ने गुस्से में उज्जवल की भी गोली मारकर हत्या कर दी और कट्टे और दो कारतूस को मौके पर ही फेंककर इत्मिनान से घर आकर सो गया। बाद में लोगो ने इसे आत्महत्या का मामला मान लिया।
एसएसपी ने बताया कि आत्महत्या में गोली चलाते वक्त कोण बदल जाता है। कोई भी व्यक्ति अपने दिल पर सीधे गोली नहीं मार सकता है। मृतक प्रेमी युगल के पैरों में चप्पले नहीं थी। जबकि आत्महत्या किए जाते वक्त कोई अपने जूते-चप्पल नहीं उतारता है। पुलिस को हत्यारोपी राजेश सिंह के घर से उज्जवल का मोबाइल और दूसरे सामान भी मिले हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस को जांच में यह जानकारी भी मिली कि गिरफ्तार हत्यारोपी राजेश उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के थाना मंगलौर में आईपीसी की धारा 307 और आम्र्स एक्ट के तहत पहले भी जेल जा चुका है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस हत्याकाण्ड को खुलासा करने के लिये थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार की अगुवाई वाले 12 सदस्यीय पुलिस दल को 25 हजार रूपए का इनाम देने की घोषणा की है।