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sahid bhagat singh birth anniversary celebration at blossom school ajmer-शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 111वीं जयंती पर देशभक्ति के नारों की गूंज - Sabguru News
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शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 111वीं जयंती पर देशभक्ति के नारों की गूंज

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शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 111वीं जयंती पर देशभक्ति के नारों की गूंज
sahid bhagat singh birth anniversary celebration at blossom school ajmer
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अजमेर। शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 111वीं जयंती के अवसर पर पृथ्वीराज फाउंडेशन की और से रामनगर स्थित ब्लॉसम स्कूल में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भगत सिंह के वेश धारण कर देशभक्ति के नारों से राष्ट्र प्रेम का सन्देश दिया।

प्रसिद्द लेखिका डॉ पूनम पण्डे ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा की क्रांति के रास्ते और इसके तरीके पर भगत सिंह ने कहा था, ‘जरूरी नहीं कि क्रांति खून की प्यासी हो। जरूरी नहीं कि इसका रास्ता बम और पिस्तौल से तय किया जाए।

बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती। क्रांति की तलवार तो ख्यालों और विचारों के पत्थर पर घिसकर तेज होती है।’ आज भी वैचारिक क्रांति की उतनी ही आवश्यकता है जितनी उस दौर में थी।

पृथ्वीराज फाउंडेशन के सयोजक दीपक शर्मा ने कहा की आर्य समाज से प्रभावित भगत सिंह की क्रान्ति यात्रा में अजमेर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सन 1928 और 1929 में भगत सिंह अजमेर आए और प. जियालाल व विजयसिंह पथिक के दिल्ली में ब्लास्ट करने की रणनीति के बारे में चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने पालबीचला स्थित विजयसिंह पथिक के निवास पर रुके भी थे।

फाउंडेशन के मार्गदर्शक संदीप पांडे ने कहा की सम्पूर्ण भारत वर्ष आज भगत सिंह को याद करता है क्योंकि उनका दिल भारत के लिए धडकता था। भगत सिंह आज भी जीवित हैं हर उस सच्चे हिन्दुस्तानी के दिल में जो सिर्फ और सिर्फ हिन्दुस्तान के भले के लिए सोचता है।

ब्लॉसम स्कूल के निदेशक राजेश कश्यप ने इस अवसर पर कहा की भगत सिंह जैसा जज्बा और सोच हर भारतीय में होना चाहिए, भगत सिंह की विचारधारा आज भी युवाओं के लिए प्रासंगिक है। उन्होंने बच्चों की राष्ट्र के प्रति प्रेम रखने और पाश्चात्यीकरण से दूर रहने की सीख भी दी। शाला के विद्यार्थी गौतम और युवराज ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम में पूनम कश्यप, संजय सेठी, रुपेश डूडी भी उपस्थित थे।

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