चेन्नई । तमिल नाडु स्वदेशी और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कांच की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए सेंट-गोबेन ने आज वैश्विक स्तर की तीन सुविधाओं का शुभारम्भ किया।
तमिल नाडु राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्री. थिरु एडाप्पडी के. पलानिस्वामी द्वारा इनमें से हर सुविधा को राष्ट्र को समर्पित किया गया। इन तीन सुविधाओं के निर्माण के लिए 1200 करोड़ रुपयों का निवेश किया गया है जिससे श्रीपेरुम्बुदुर के वर्ल्ड क्लास काम्प्लेक्स में किया गया कुल निवेश 3000 करोड़ रूपए हो चूका है।
कॉम्पेग्नी डी सेंट-गोबैन, फ्रांस के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पियरे-आंद्रे डी चैलेंडर ने कहा कि, “दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में, सेंट-गोबेन के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार और निवेश स्थान है। निर्माण उद्योग में वैश्विक स्तर पर अग्रणी के रूप में हम मानव आवासों को बढ़ाने और निवासी स्थानों में भलाई को बढ़ावा देने के लिए टिकाऊ निर्माण समाधानों में हमारी विशेषज्ञता का उपयोग करने के लिए भारत में कई सारे अवसर देखते हैं।
पिछले दो दशकों में हमने लगातार नए बाजार विकसित करने, नई विश्व स्तरीय विनिर्माण सुविधाओं के निर्माण, प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन में निवेश किया है। हम एक नवाचार से प्रेरित कंपनी हैं और चेन्नई के हमारे विश्व स्तरीय अनुसंधान केंद्र सेंट-गोबिन रिसर्च इंडिया में हमारा निवेश न केवल भारत जैसे बाजारों के लिए, बल्कि दुनिया के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के उद्देश्य से है। भारत ने हमें लगातार प्रोत्साहित किया है और हमारा समर्थन किया है, यहाँ हमारे उत्पाद अच्छी तरह से स्वीकार किए जाते हैं; हमारे व्यवसाय अग्रणी स्थान पर हैं; भारत में सेंट-गोबैन का ब्रांड रिकॉल फ्रांस जितना ही अच्छा है। वास्तव में, हम उतने ही भारतीय कंपनी हैं, जितने कि हम फ्रेंच हैं।”
सेंट-गोबेन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष श्री आनंद वाई महाजन ने कहा कि, “भारत सेंट-गोबेन के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में से एक है और सरकार के मेक इन इंडिया’ मिशन के अनुरूप, सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकियों और विश्व स्तरीय विनिर्माण सुविधाओं का निर्माण करके भारत में बाजारों को विकसित करने का हमारा निरंतर प्रयास रहा है। इन वर्षों में, हमने अपने सभी व्यवसायों – इमारतों के लिए ग्लास और ऑटोमोटिव, जिप्सम प्लास्टरबोर्ड और प्लॅस्टर्स, अब्रेसिव्स, सिरेमिक सामग्री, परफॉरमेंस प्लास्टिक और ऐसे कई व्यवसयों के लिए महत्वपूर्ण निवेश किए हैं।
1996 में भारत में प्रवेश के बाद से हमने लगभग 7500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। आज, हमने पुरे देशभर में विनिर्माण क्षमता विकसित की है और अपने सभी व्यवसायों में मजबूत बाजार स्थिति विकसित की है। हमारी स्थानीय बिक्री का लगभग 95% हिस्सा भारत में हमारे संयंत्रों में निर्मित उत्पादों का है।”
सेंट-गोबेन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री बी संथानम ने कहा कि, “हम भारत के भविष्य पर बहुत विश्वास करते हैं और क्षमता, योग्यता, प्रौद्योगिकी और नवाचार में समय से पहले लगातार निवेश किया है। श्रीपेरंबुदुर में वर्ल्ड ग्लास कॉम्प्लेक्स, दुनिया भर में एक ही स्थान पर किया गया सेंट-गोबेन का सबसे बड़ा निवेश है, यहाँ पर हम आधुनिक मैग्नेट्रोन कोटर और ग्लास सोलूशन्स लाइन के साथ भारत में सबसे बड़े और सबसे आधुनिक ग्लास विनिर्माण संयंत्र का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। इस नए विस्तार से भारत और आसपास के क्षेत्र में ग्लास से जुडी सुविधाओं के लिए स्पष्ट विकल्प उपलब्ध होने के लक्ष्य को साकार करने में सेंट-गोबेन तेजी से आगे बढ़ेगा।”
तीसरा फ्लोट ग्लास प्लांट:
तीसरा फ्लोट ग्लास प्लांट भारत और क्षेत्र में सबसे बड़ा होगा। यह जटिल उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्माण करने के लिए सुसज्जित है जो टिकाऊ आवास और कम खर्च में लक्जरी की जरूरतों को पूरा करता है। यह एक स्वचालित, ऊर्जा कुशल, आगे बढ़ाने योग्य और लचीली, अत्याधुनिक एकीकृत ग्लास सुविधा है। प्लांट में कई नवीन प्रक्रियाएँ हैं जो भारत और क्षेत्र में पहली बार तैनात की जा रही हैं – आधुनिक रोबोट तकनीक के साथ एक आधुनिक संयंत्र, छत के ऊपर 3.5 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की सुविधा और साथ ही उपयोग में न ले जानेवाली गर्मी से 1.2 मेगावाट विद्युत ऊर्जा उत्पादन जोकि इसकी लगभग 100% विद्युत ऊर्जा की जरूरत को पूरा करेगा।
लगातार विकास के प्रति सेंट-गोबेन की प्रतिबद्धता के अनुरूप, सुविधा में निरंतरता के लिए योगदान देने वाले कई नवाचार शामिल होंगे। फ्लोट-लाइन पर ऊर्जा दक्षता के उपाय इसे सेंट-गोबेन की सबसे कुशल भट्टियों में से एक बनाते हैं और दुनिया भर में ग्लास निर्माण सुविधाओं के लिए यह एक मानदंड होगा।
आधुनिक मैग्नेट्रोन कोटर और ग्लास सोलूशन्स लाइन:
वैश्विक ट्रेंड्स को ध्यान में रखते हुए, सेंट-गोबेन ने एक दूसरे मैग्नेट्रोन कोटर सुविधा में निवेश किया। इसके साथ, अब वर्ल्ड ग्लास कॉम्प्लेक्स में पूरे अफ्रीका, मध्य-पूर्व, आसियान, ओशिनिया क्षेत्र में मिलाकर 140 मिलियन स्केअर फुट के उच्च-प्रदर्शन, उच्च-चयनात्मक, ऊर्जा-कुशल ग्लास सुविधा का निर्माण करने की क्षमता होगी। यह अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए क्षेत्रीय केंद्र के रूप में श्रीपेरुम्बुदुर में वर्ल्ड ग्लास कॉम्प्लेक्स को विकसित करने के सेंट-गोबेन के लक्ष्य को बढ़ावा देगा।
जिस ग्लास सॉल्यूशन लाइन का उद्घाटन हुआ, वह आधुनिक इंसुलेटेड और लैमिनेटेड ग्लास बनाती है। यह लाइन अत्याधुनिक कटिंग और ग्राइंडिंग सुविधाओं, टेंपरिंग फर्नेस, स्क्रीन प्रिंटिंग, लेमिनेशन और इंसुलेटेड ग्लास यूनिट उत्पादन लाइनों से सुसज्जित है – जंबो ग्लास के आकार को संभालने की क्षमता भी इसमें है। भारत और दुनिया भर में मेगा और सुपर-मेगा परियोजनाओं की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए यह वन स्टॉप रिसोर्स के रूप में काम करेगी।
दूसरा वर्षा जल संचयन जलाशय:
72 मिलियन लीटर से अधिक की क्षमता वाले एक दूसरे वर्षा जल संचयन जलाशय का भी उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। इस क्षमता वृद्धि के साथ, वर्ल्ड ग्लास कॉम्प्लेक्स की कुल क्षमता 130 मिलियन लीटर होगी और यह पानी की जरूरतों के एक महत्वपूर्ण हिस्से को पूरा करेगा।