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saint murdered in RSS office in sirohi-RSS के सिरोही कार्यालय में संत की हत्या, नामजद केस दर्ज - Sabguru News
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RSS के सिरोही कार्यालय में संत की हत्या, नामजद केस दर्ज

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RSS के सिरोही कार्यालय में संत की हत्या, नामजद केस दर्ज
सिरोही आरएसएस कार्यालय में हुए झगड़े में संत की हत्या के बाद एएसपी को ज्ञापन देते अंतरराष्ट्रीय हिन्दु परिषद के पदाधिकारी व तखतगढ़ के संत।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शांतिनगर स्थित कार्यालय में झगडे और संत अवधेशानंद की हत्या के मामले में पुलिस ने संघ कार्यालय के एक व्यक्ति द्वारा दी गई रिपोर्ट के साथ ही हत्या के प्रकरण में भी प्रथम दृष्टया नामजद प्रकरण दर्ज कर लिया है। इधर, यह मामला अब तूल भी पकड़ता जा रहा है।

सिरोही कोतवाली में संघ कार्यालय में उपस्थित रहने वाले खिवाड़ा निवासी शांतिलाल पुत्र मोहनलाल की रिपोर्ट दर्ज की। इसी के साथ पुलिस ने संत की हत्या का भी मामला दर्ज कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार शांतिलाल ने बताया कि उसे संघ कार्यालय में झगड़े की सूचना मिली तो वह वहां पहुंचा। वहां पर जिला प्रचारक उत्तमगिरी ने बताया कि अवधेशानंद ने संघ कार्यालय में चाकू के साथ अनाधिकृत प्रवेश करके उन पर जानलेवा हमला करके गंभीर चोटें पहुंचाई।

सिरोही आरएसएस कार्यालय में हुए झगड़े में संत की हत्या के बाद एएसपी को ज्ञापन देते अंतरराष्ट्रीय हिन्दु परिषद के पदाधिकारी व तखतगढ़ के संत।
सिरोही आरएसएस कार्यालय में हुए झगड़े में संत की हत्या के बाद एएसपी को ज्ञापन देते अंतरराष्ट्रीय हिन्दु परिषद के पदाधिकारी व तखतगढ़ के संत।

उसने बताया कि हमले के समय अशोक नाम का व्यक्ति वहीं था वह राजेश त्रिवेदी वहां आ गए थे। घायल संघ प्रचारक के इलाज के कारण रिपोर्ट लिखवाने में देरी हो गई। दरियाफ्त के दौरान जानकारी मिली कि कथित हमलावर अवधेशानंद की भी मृत्यु हो गई है।

रिपोर्ट में लिखा कि इस प्रकरण में मौके व शव के हालातों को देखते हुए प्रथम दृष्टया आपसी लड़ाई में उत्तमगिरी वगैरह द्वारा मृतक अवधेश शर्मा द्वारा उर्फ अवधेशानंद की धरदार हथियार से प्राणघातक चोटें पहुंचाकर हत्या करने का प्रथम दृृष्टया मामला पाया जाता है। इसमें बताया कि मृतक पक्ष की तरफ से कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।

मोर्चरी पहुंचे संत और एएचपी के कार्यकर्ता

जिला चिकित्सालय में उनकी नृशंस हत्या को लेकर तखतगढ़ के महंत समेत अंतरराष्ट्रीय हिन्दु परिषद के पदाधिकारी जिला चिकित्सालय पहुंचे। वहां पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के हत्यारे का शीघ्र खुलासे और निष्पक्ष जांच की मांग की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने संत समाज व एएचपी के पदाधिकारियों को बताया कि इस प्रकरण में मजबूत और नामजद एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शांतिनगर स्थित कार्यालय में रविवार रात को संघ के जिला प्रचारक उत्तमगिरी धारदार हथियार से घायल हो गए वहीं संघ कार्यालय के बाहर के कमरे में संत अवधेशानंद का शव पड़ा हुआ मिला। जिला प्रचार को उदयपुर रेफर कर दिया गया। देर रात को पुलिस ने उदयपुर से एफएसएल टीम बुलवाने के बाद मोर्चरी रात करीब डेढ़ बजे मोर्चरी भेजा गया।

पुलिस प्रथम दृष्टया इस प्रकरण को जिला प्रचारक उत्तमगिरी और संत अवधेशानन्द के बीच हुए झगड़े की परिणिति मान रही है। सवेरे वहां पर संत के दर्शन के लोग आते रहे। उनके शव के साथ की गई नृशंसता देखकर लोगों में गुस्सा व्याप्त होता गया। अंतरराष्ट्रीय हिन्दु परिषद की सारणेश्वर में स्थित बैठक के बाद संत और पदाधिकारी वहां चिकित्सालय पहुंचे। उन्होंने संत के शव के दर्शन किए। क्षत विक्षत शव देखकर सभी ने आक्रोश जताया।

तखतगढ के संत अंतराष्ट्रीय हिन्दु परिषद के प्रदेश प्रतिनिधि ने पत्रकार वार्ता में बताया कि जिस नृशंसता के के साथ संत की हत्या की गई है वह अक्षम्य है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से बिना किसी राजनीतिक दबाव में आए दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की।

शव को देखने के बाद एएसपी सुरजीतसिंह से वार्ता के दौरान इन लोगों ने आरोप लगाया कि उत्तमगिरी को पुलिस ने जानबूझकर उदयपुर रेफर किया। इस पर पुलिस ने दलील दी कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। एएसपी ने बताया कि पुलिस ने उदयपुर रेफर व्यक्ति को भी दो एसएचओ समेत चार पुलिसकर्मियों के बीच रखा है ताकि वह कहीं जा नहीं पाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि 24 से 48 घंटे में इस नृशंस हत्याकांड में परिणाम दे देगी।

इधर, संघ कार्यालय में हुई संत आरएसएस कार्यालय में संत की हत्या में नामजद मुकदमा दर्ज, आक्रोश बदस्तूर
सबगुरु न्यूज-सिरोही। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शांतिनगर स्थित कार्यालय में झगडे और संत अवधेशानंद की हत्या के मामले में पुलिस ने संघ कार्यालय के एक व्यक्ति द्वारा दी गई रिपोर्ट के साथ ही हत्या के प्रकरण में भी प्रथम दृष्टया नामजद प्रकरण दर्ज कर लिया है। इधर, यह मामला अब तूल भी पकड़ता जा रहा है।

सिरोही कोतवाली में संघ कार्यालय में उपस्थित रहने वाले खिवाड़ा निवासी शांतिलाल पुत्र मोहनलाल की रिपोर्ट दर्ज की। इसी के साथ पुलिस ने संत की हत्या का भी मामला दर्ज कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार शांतिलाल ने बताया कि उसे संघ कार्यालय में झगड़े की सूचना मिली तो वह वहां पहुंचा। वहां पर जिला प्रचारक उत्तमगिरी ने बताया कि अवधेशानंद ने संघ कार्यालय में चाकू के साथ अनाधिकृत प्रवेश करके उन पर जानलेवा हमला करके गंभीर चोटें पहुंचाई। उसने बताया कि हमले के समय अशोक नाम का व्यक्ति वहीं था वह राजेश त्रिवेदी वहां आ गए थे।

घायल संघ प्रचारक के इलाज के कारण रिपोर्ट लिखवाने में देरी हो गई। दरियाफ्त के दौरान जानकारी मिली कि कथित हमलावर अवधेशानंद की भी मृत्यु हो गई है। रिपोर्ट में लिखा कि इस प्रकरण में मौके व शव के हालातों को देखते हुए प्रथम दृष्टया आपसी लड़ाई में उत्तमगिरी वगैरह द्वारा मृतक अवधेश शर्मा द्वारा उर्फ अवधेशानंद की धरदार हथियार से प्राणघातक चोटें पहुंचाकर हत्या करने का प्रथम दृृष्टया मामला पाया जाता है। इसमें बताया कि मृतक पक्ष की तरफ से कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।

मोर्चरी पहुंचे संत और एएचपी के कार्यकर्ता

जिला चिकित्सालय में उनकी नृशंस हत्या को लेकर तखतगढ़ के महंत समेत अंतरराष्ट्रीय हिन्दु परिषद के पदाधिकारी जिला चिकित्सालय पहुंचे। वहां पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के हत्यारे का शीघ्र खुलासे और निष्पक्ष जांच की मांग की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने संत समाज व एएचपी के पदाधिकारियों को बताया कि इस प्रकरण में मजबूत और नामजद एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शांतिनगर स्थित कार्यालय में रविवार रात को संघ के जिला प्रचारक उत्तमगिरी धारदार हथियार से घायल हो गए वहीं संघ कार्यालय के बाहर के कमरे में संत अवधेशानंद का शव पड़ा हुआ मिला। जिला प्रचार को उदयपुर रेफर कर दिया गया। देर रात को पुलिस ने उदयपुर से एफएसएल टीम बुलवाने के बाद मोर्चरी रात करीब डेढ़ बजे मोर्चरी भेजा गया। पुलिस प्रथम दृष्टया इस प्रकरण को जिला प्रचारक उत्तमगिरी और संत अवधेशानन्द के बीच हुए झगड़े की परिणिति मान रही है।

सवेरे वहां पर संत के दर्शन के लोग आते रहे। उनके शव के साथ की गई नृशंसता देखकर लोगों में गुस्सा व्याप्त होता गया। अंतरराष्ट्रीय हिन्दु परिषद की सारणेश्वर में स्थित बैठक के बाद संत और पदाधिकारी वहां चिकित्सालय पहुंचे। उन्होंने संत के शव के दर्शन किए। क्षत विक्षत शव देखकर सभी ने आक्रोश जताया। तखतगढ के संत अंतराष्ट्रीय हिन्दु परिषद के प्रदेश प्रतिनिधि ने पत्रकार वार्ता में बताया कि जिस नृशंसता के के साथ संत की हत्या की गई है वह अक्षम्य है।

उन्होंने पुलिस प्रशासन से बिना किसी राजनीतिक दबाव में आए दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की। शव को देखने के बाद एएसपी सुरजीतसिंह से वार्ता के दौरान इन लोगों ने आरोप लगाया कि उत्तमगिरी को पुलिस ने जानबूझकर उदयपुर रेफर किया। इस पर पुलिस ने दलील दी कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। एएसपी ने बताया कि पुलिस ने उदयपुर रेफर व्यक्ति को भी दो एसएचओ समेत चार पुलिसकर्मियों के बीच रखा है ताकि वह कहीं जा नहीं पाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि 24 से 48 घंटे में इस नृशंस हत्याकांड में परिणाम दे देगी।

इधर, संघ कार्यालय में हुई संत की नृशंस हत्या और जिला प्रचारक के बीच हुए झगड़े के पीछे गांधी उद्यान में शुरू की गई शाखा और सारणेश्वर में आयोजित गौ संसद को मुख्य वजह बताई जा रही है। दोनों के बीच इन्हीं दो मुद्दों को लेकर विवाद होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस अभी मूल कारणों की पुख्ता जानकारी लेने के लिए इस मामले पर तीव्रता से काम कर रही है।

संत की नृशंस हत्या और जिला प्रचारक के बीच हुए झगड़े के पीछे गांधी उद्यान में शुरू की गई शाखा और सारणेश्वर में आयोजित गौ संसद को मुख्य वजह बताई जा रही है। दोनों के बीच इन्हीं दो मुद्दों को लेकर विवाद होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस अभी मूल कारणों की पुख्ता जानकारी लेने के लिए इस मामले पर तीव्रता से काम कर रही है।

संत की अंतिम यात्रा सिरोही में ही

संत समाज के प्रतिनिधि के रूप में जिला चिकित्सालय में पहुंचे तखतगढ़ के संत ने एएसपी को बताया कि संत अवधेशानंद की कर्म स्थली सिरोही ही है। ऐसे में उनकी अंतिम यात्रा सिरोही में ही की जाएगी। उन्होंने बताया कि संत समाज को सिरोही में आमंत्रित किया गया है। उनके निर्णय के बाद स्थान और समय निर्धारित कर दिया जाएगा।