नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगा से जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा पाए पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को अंतरिम जमानत पर रिहा करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने सज्जन कुमार की अंतरिम जमानत पर रिहाई का आदेश देने से इंकार करते हुए कहा कि वह गर्मियों की छुट्टियों में उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी।
न्यायालय ने यह भी कहा कि वह सबरीमला संदर्भ मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद कुमार के स्वास्थ्य पर एम्स की चिकित्सा रिपोर्ट पर विचार करेगी।
गौरतलब है कि सज्जन कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर 2018 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिस मामले में उसे दोषी ठहराया गया और सजा दी गई वह एक-दो नवंबर 1984 को दिल्ली छावनी के राज नगर पार्ट-1 इलाके में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे को जलाने से संबंधित है।
उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर 1984 को दो सिख अंगरक्षकों द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे।