जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर की जिला एवं सत्र न्यायालय में शुक्रवार को फिल्म अभिनेता सलमान खान की जमानत याचिका पर बहस पूरी हो गई लेकिन जमानत नहीं मिलने के कारण अभी उन्हें जेल में ही रहना होगा।
अदालत में करीब डेढ घंटे तक चली बहस के बाद न्यायाधीश रवीन्द्र कुमार जोशी ने कहा कि फैसला शनिवार को सुनाया जाएगा। उन्होंने दाेनाें पक्षाें की दलीले सुनने के बाद संबंधित न्यायालय के फैसले की प्रति भी मांगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में साक्ष्य मजबूत है और फैसले में जल्दबाजी नहीं की जा सकती।
बहस के दौरान सलमान की दोनों बहनें अर्पिता और अलवीरा भी अदालत में मौजूद थी। सलमान की याचिका की बहस को देखते हुए न्यायालय में बहुत ज्यादा गहमागहमी थी। वही केंद्रीय कारागार के बाहर भी सलमान के प्रशंसकों की भीड़ जमा थी जिन्हें हटाने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पडी।
बहस के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं हस्तीमल सारस्वत और महेश बोडा ने 51 पेज की फाइल पेश की जिसमें 54 आधारों पर जमानत देने की पैरवी की गई थी वहीं लोक अभियोजक पोकर राम ने सलमान खान को जमानत देने का विरोध किया।
उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए फैसले को उदृधत करते हुए कहा कि मुव्वकिल के काफी अनुयायी है और ऐसे में उनके द्वारा किए जाने वाले गलत कार्यों के बावजूद उन्हें राहत दी जाती है तो इसका आम लोगों पर गलत असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुव्वकिल द्वारा किया गया कृत्य रहम के काबिल नहीं है इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जाए।
उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री की अदालत ने बीस साल पुराने कांकाणी हिरण शिकार मामले में सलमान खान को दोषी मानते हुए कल पांच साल की सजा दी थी और उन पर दस हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया था। अदालत ने इस मामले में उनके सह आरोपी अभिनेता सैफ अली खान, दुष्यंत सिंह, अभिनेत्री तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया था।