भीलवाड़ा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डा मोहन भागवत ने कहा है कि सनातन धर्म में हम सब एक दूसरे के दुश्मन नहीं हैं, हमारा सब का नाता आपस में भाई का है।
डा भागवत ने रविवार को भीलवाडा में आचार्य महाश्रमण के चातुर्मास प्रवास के दौरान धर्म सभा में अपने संबोधन में कहा कि एक दूसरे की सहायता करते हुए आगे बढ़ना यह कार्य है धर्म का। सनातन धर्म में हम सब एक दूसरे के दुश्मन नहीं है हमारा सब का नाता आपस में भाई का है।
उन्होंने कहा कि जो मेरे लिए अच्छा है वह दूसरों के लिए भी अच्छा है, जो मुझे अच्छा नहीं लग रहा वह दूसरों को भी अच्छा नहीं लगेगा इससे मन में करुणा उत्पन्न होती।
धर्म सभा में डा भागवत ने कहा कि गुरु का सान्निध्य एवं आशीर्वाद पाकर शिष्य गुरु से दो कदम आगे बना रह सकता है। इसका प्रयास गुरु द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि आचार्य महाश्रमण का कार्यक्षेत्र आध्यात्मिक है जो कि सभी बातों का आधार है।
हमारा कार्य क्षेत्र मुख्यतः भौतिक संसार है। संसार में एक दूसरे के साथ आत्मीयता महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सत्य अहिंसा अस्तेय का विचार है हमारे यहां सर्वत्र हैं। मन को अगर हमने सही दिशा में लगाया तो वह पूर्ण शक्ति के साथ वाणी विचार और दर्शन में प्रकट होगा कुछ संस्कार जन्म से प्राप्त होते हैं कुछ संस्कार सत्संग से प्राप्त होता है। कार्यक्रम के अंत में भीलवाड़ा के तेरापंथ समाज द्वारा डा भागवत को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।