कोटा। राजस्थान में सांगोद से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर ने एक बार फिर से अवैध खनन के मसले पर प्रदेश सरकार के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर निशाना साधा और कहा कि जिन हालातों में भरतपुर जिले में महंत विजय दान ने आत्मदाह किया, उससे सबक सीखे जाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
सिंह ने आज प्रदेश की मुख्य सचिव उषा शर्मा को भेजे एक पत्र में कहा कि भरतपुर जिले के जिन पहाड़ों को खनन माफिया के खोद कर नष्ट किए जाने से बचाने के लिए महंत विजयदान ने आत्मदाह किया था, वह खाने अवैध नहीं थी। प्रदेश के खनन विभाग ने ही पत्थरों के लिए खुदाई करके इन पहाड़ों का स्वरूप नष्ट कर देने के लिए उन्हें खनन माफिया को लीज कर दिया हुआ था तो गलती खनन विभाग के स्तर पर हुई है, जिसने पर्वतों को खोद कर नष्ट कर देने के लिए लीज प्रदान कर दी जो सरासर अनुचित है लेकिन संतोष की बात यह कि तीन दिन पहले पांच अगस्त को मुख्य सचिव ने सचिवालय में बैठक करके इस खनन पर रोक लगा दी है जो संतोष की बात है।
उन्होंने आरोप लगाया कि खनन विभाग की मिलीभगत से प्रदेश में अनेक स्थानों पर पहाड़ों को काटकर प्रकृति एव पहाड़ों का सर्वनाश किया जा रहा है। यदि मुख्य सचिव जांच करवाएंगी तो इस तथ्य की पुष्टि हो जाएगी कि पहाड़ों का स्वरूप नष्ट करने के लिए खोदी जा रही इन खदानों में से ज्यादातर को खनन विभाग ने ही विधिवत लीज पर दिया हुआ है। हालांकि वैध लीज की आड़ में पहाड़ी क्षेत्रों में अवैध खनन भी हो रहा है लेकिन इसके लिए तो दोषी तो खनन विभाग ही है जिससे पहाड़ों को भी खनन के लिए लीज पर दे डाला।
सिंह ने कहा कि खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने अपने निर्वाचन क्षेत्र अंता में अपने भागीदारों को तीन खानें लीज पर दिलवाई है। खनन विभाग के अनुसार यह तीनों खानें वैध हैं लेकिन मैं विजयनाथ की भाषा बोल रहा हूं कि यहां भी जो कुछ भी हो रहा है, वह अवैध है। इस खनन को रोकने के लिए महन्त का दिखाया मार्ग ही सही राह है तो हमें उसी पर चलना चाहिए।